H-1B Visa: भारत को एक और झटका! अब H-1B वीज़ा के लिए देने होंगे 88 लाख रुपये, औवेसी ने कहा ‘हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप से क्या मिला?
H-1B visa : असदुद्दीन ओवैसी ने अपने लंबे चौड़े ट्वीट में इस बात का विस्तृत तरीके से उल्लेख किया है। ट्वीट में ओवैसी ने प्रमुख रूप से बिंदुवार छ: बातें लिखी है।
- तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोग इसके सबसे बड़े लाभार्थी
- ओवैसी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर निशाना साधा
- अब H-1B वीज़ा के लिए हर साल $100,000 देना होगा
नईदिल्ली: H-1B visa , अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीज़ा को लेकर एक फैसला लिया है। ये फैसला इतना बड़ा है कि अमेरिका के साथ-साथ भारत और चीन के हाई स्किल्ड लोग भी निराश हैं। अब H-1B वीज़ा के लिए हर साल $100,000 देना होगा। रुपये में समझें तो करीब 88 लाख रुपये। अब तक H-1B वीज़ा आवेदनों के लिए अमेरिकी कंपनियां ही पेमेंट करती थीं, अब ट्रंप के इस नये आदेश से उनकी टेंशन भी बढ़ गई है। इस बात को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार की नीतियों खासकर पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा।
ओवैसी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर साधा निशाना
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने लंबे चौड़े ट्वीट में इस बात का विस्तृत तरीके से उल्लेख किया है। ट्वीट में ओवैसी ने प्रमुख रूप से बिंदुवार छ: बातें लिखी है।
1. ट्रंप ने #H1B वीज़ा व्यवस्था को लगभग समाप्त कर दिया है। भारतीय, खासकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोग इसके सबसे बड़े लाभार्थी थे। इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा और यह भारतीय विदेश नीति के बारे में क्या कहता है? 👇
2. सभी H1B वीज़ा में से 71-72% भारतीयों को मिलते हैं। भारत में, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश H1B प्रणाली में अग्रणी हैं। भारतीय H1B धारकों का औसत वार्षिक वेतन लगभग $120,000 है, मुख्यतः तकनीकी उद्योग में। स्वदेश में परिवारों के लिए, ये वेतन आय का एक स्रोत बन जाते हैं, जो भारत के $125 बिलियन के धन प्रेषण प्रवाह में महत्वपूर्ण योगदान देता है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भारतीय NRI जमा का 37% हिस्सा है। अंतर-पीढ़ीगत गतिशीलता का एक प्रमुख स्रोत बंद हो गया है। लेकिन इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है?
हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप से आपको क्या हासिल हुआ? : ओवैसी
3. मेरी शिकायत ट्रंप से नहीं है, उन्होंने वही किया जो वो चाहते थे। मेरा झगड़ा इस सरकार से है: हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप से आपको क्या हासिल हुआ? मैडिसन स्क्वायर गार्डन में आपने जितने भी प्रवासी भारतीयों को इकट्ठा किया, उससे क्या हासिल हुआ? जन्मदिन की शुभकामनाएँ विदेश नीति की सफलताएँ नहीं हैं। H1B वीज़ा को खत्म करने का मकसद भारतीयों को निशाना बनाना था। अमेरिका द्वारा भारत के साथ अपने संबंधों को खतरे में डालना इस बात का सबूत है कि उसे हमारे सामरिक महत्व की कोई परवाह नहीं है। हम अमेरिका के एक रणनीतिक साझेदार हैं, और अगर वे हमें सहयोगी के रूप में नहीं देखते हैं, तो यह इस सरकार की विफलता है।
4. हमें इसे उन अन्य चीजों के साथ देखना चाहिए जो अमेरिका ने हाल ही में भारत के साथ की हैं। भारी टैरिफ, पाकिस्तान-अमेरिका व्यापार समझौता, पाकिस्तान-सऊदी समझौता (जो अमेरिका की सहमति के बिना संभव नहीं हो सकता था) और कुल मिलाकर दुनिया में भारत की कमज़ोर स्थिति। हम एक शत्रुतापूर्ण पड़ोस में हैं और वैश्विक मंच पर लगातार अलग-थलग पड़ रहे हैं।
ट्रंप के ब्लैकमेल के आगे एक इंच भी नहीं झुकना चाहिए
5. भारत ने कतर और कई आसियान देशों सहित 18 से ज़्यादा देशों के साथ डॉलर-विमुद्रीकरण समझौते किए हैं। इन देशों के साथ व्यापार भुगतान समझौते रुपये में हो रहे हैं। हमें सभी प्रमुख व्यापारिक साझेदारों के साथ व्यापार में इसका विस्तार करना चाहिए। हमें ट्रंप के ब्लैकमेल के आगे एक इंच भी नहीं झुकना चाहिए।
6. मुझे ऐसा होते देखकर कोई खुशी नहीं हो रही है। यह मेरे लिए कोई बड़ाई करने का मौका नहीं है। लेकिन सरकार को आत्मचिंतन करना चाहिए कि भारत विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा में इतनी कठिनाइयों का सामना क्यों कर रहा है। क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि आपने इन मुद्दों को नौटंकी तक सीमित कर दिया है? आख़िरकार, मोदी को नहीं, बल्कि आम भारतीयों को नुकसान हो रहा है।
आपने घरेलू दिखावे के लिए हमारे दीर्घकालिक लाभों का बलिदान कर दिया है। 2014-2024 एक खोया हुआ दशक रहा है।
1. Trump has essentially ended the #H1Bvisa system. Indians, and especially people from Telangana and Andhra were its biggest beneficiaries. How will this affect India and what does it say about Indian foreign policy? 👇
2. 71–72% of all H1B visas go to Indians. Within India,…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 20, 2025
हालाकि ओवैसी की इस ट्वीट पर लोग जमकर कमेंट्स कर रहें हैं। एक यूजर ने लिखा कि ‘ट्रंप ये सब इसलिए कर रहे हैं ताकि मोदी के नेतृत्व में भारत की तरक्की रोकी जा सके। वे डरे हुए और घबराए हुए हैं। लेकिन आप मोदी की विदेश नीति को दोष देंगे, हैरान नहीं होंगे। हमें विश्वास है कि मोदी देश को बिना किसी नुकसान के जीत दिलाएँगे। आप जैसे लोगों को भारत से निकल जाना चाहिए।’
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