Sehore News: कुबरेश्वर धाम भगदड़ में मां की दर्दनाक मौत! बर्बाद हो गया पूरा परिवार, अब न्याय के लिए दर-दर भटक रही बेटी

Sehore News: कुबरेश्वर धाम भगदड़ में मां की दर्दनाक मौत! बर्बाद हो गया पूरा परिवार, अब न्याय के लिए दर-दर भटक रही बेटी

Sehore News: कुबरेश्वर धाम भगदड़ में मां की दर्दनाक मौत! बर्बाद हो गया पूरा परिवार, अब न्याय के लिए दर-दर भटक रही बेटी

Sehore News/Image Source: IBC24


Reported By: Kavi Chhokar,
Modified Date: September 20, 2025 / 04:25 pm IST
Published Date: September 20, 2025 4:25 pm IST
HIGHLIGHTS
  • कुबरेश्वर धाम भगदड़ में मां की मौत,
  • मां की मौत के डेढ़ महीने बाद भी नहीं मिली मदद,
  • बेटी ने पुलिस से लगाई न्याय की गुहार,

सीहोर: Sehore News:  भगदड़ में माँ को खोने के बाद अब बेटी न्याय के लिए दर-दर भटक रही है। न्याय की गुहार लगाने के लिए यूपी के फिरोजाबाद से पीड़ित परिवार सीहोर पहुंचा। बता दें कि बीते अगस्त माह में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई थी जिनमें से एक फिरोजाबाद की महिला श्रद्धालु संगीता गुप्ता भी शामिल थीं। करीब डेढ़ महीना बीत जाने के बावजूद पीड़ित परिवार को न तो कोई सहायता राशि मिली है और न ही घटना के लिए किसी की जवाबदेही तय की गई है। शुक्रवार को मृतका की बेटी मानसी गुप्ता अपने परिजनों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय सीहोर पहुंची और न्याय की गुहार लगाई।

मानसी गुप्ता ने बताया कि 5 अगस्त को उनकी माँ संगीता गुप्ता कुबेरेश्वर धाम दर्शन के लिए आई थीं। यहाँ रुद्राक्ष वितरण के दौरान अव्यवस्था फैली और भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई जिसमें उनकी माँ की मौत हो गई। मानसी ने बताया कि उनके पिता मजदूर हैं और माँ चूड़ियाँ बेचकर परिवार का भरण-पोषण करती थीं। माँ की मौत के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से बिगड़ गई है। इसके बावजूद प्रशासन और धाम प्रबंधन की ओर से अब तक कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई है। परिवार ने मामले में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत की है। इसके साथ ही आयोजन समिति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की माँग भी की है।

Sehore News:  कुबरेश्वर धाम में हुई इस भगदड़ और श्रद्धालुओं की मौत के मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने 6 अगस्त को सीहोर के एसपी और कलेक्टर से 15 दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा था। आयोग ने पूछा था कि भीड़ प्रबंधन की क्या व्यवस्था की गई थी घायलों के इलाज को लेकर क्या कदम उठाए गए और मृतकों को क्या आर्थिक सहायता दी गई। हालांकि पीड़ित परिवार का आरोप है कि डेढ़ माह बीतने के बावजूद न तो कोई आर्थिक सहायता मिली है और न ही दोषियों पर कोई कार्रवाई हुई है। परिवार अब न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है।

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लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।