MR Srinivasan Demise News: नहीं रहे परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एमआर श्रीनिवासन.. 95 साल की उम्र में ली आखिरी सांस..

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लिखा, "डॉ. एम.आर. श्रीनिवासन ने होमी भाभा द्वारा स्वयं चुने गए श्रीनिवासन ने 60 के दशक के अंत में तारापुर में भारत के पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

MR Srinivasan Demise News: नहीं रहे परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एमआर श्रीनिवासन.. 95 साल की उम्र में ली आखिरी सांस..

Nuclear scientist MR Srinivasan Demise News || Image- Deccan Herald file

Modified Date: May 20, 2025 / 11:49 am IST
Published Date: May 20, 2025 10:38 am IST
HIGHLIGHTS
  • पूर्व परमाणु ऊर्जा आयोग अध्यक्ष एम.आर. श्रीनिवासन का 95 वर्ष की आयु में निधन।
  • पद्म विभूषण से सम्मानित, भारत के परमाणु ऊर्जा विकास में निभाई अहम भूमिका।
  • तारापुर, कलपक्कम, कैगा जैसे संयंत्रों की स्थापना में श्रीनिवासन का अहम योगदान रहा।

Nuclear scientist MR Srinivasan Demise News: नई दिल्ली: परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एमआर श्रीनिवासन का मंगलवार को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। पद्म विभूषण से सम्मानित श्रीनिवासन ने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एमआर श्रीनिवासन का निधन

Read More: Bhu Jal Sanvardhan Mission: आज ‘भू जल संवर्धन मिशन’ का शुभारंभ करेंगे सीएम विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम विशेषज्ञों संग करेंगे चर्चा

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एमआर श्रीनिवासन के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनका निधन भारत के वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है। एक्स पर एक पोस्ट में खड़गे ने कहा, “अग्रणी परमाणु वैज्ञानिक और पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ. एमआर श्रीनिवासन का निधन भारत के वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण क्षति है।”

जयराम रमेश ने भी दे श्रद्धांजलि

Nuclear scientist MR Srinivasan Demise News: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लिखा, “भारत के महान परमाणु प्रौद्योगिकीविद् डॉ. एम.आर. श्रीनिवासन का निधन हो गया है। होमी भाभा द्वारा स्वयं चुने गए श्रीनिवासन ने 60 के दशक के अंत में तारापुर में भारत के पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बाद में उन्होंने कलपक्कम में भारत के व्यापक परमाणु ऊर्जा परिसर की स्थापना करने वाली टीम का नेतृत्व किया।

यह उनके प्रेरक नेतृत्व में ही था कि भारत ने मई 1974 में भारत के परमाणु परीक्षण के बाद कनाडा के साथ अपने संबंध को समाप्त करने का दृढ़ निश्चय और सफलतापूर्वक सामना किया।

कलपक्कम, रावतभाटा, कैगा, काकरापार और नरोरा में वर्तमान में संचालित परमाणु ऊर्जा स्टेशन राष्ट्र निर्माण में उनके महान योगदान के सभी ज्वलंत प्रमाण हैं।

वे विविध रुचियों वाले व्यक्ति थे और बाद के वर्षों में पर्यावरण के मुद्दों से गहराई से जुड़े। उनका 2002 का संस्मरण पढ़ने लायक है और यह उनके अनूठे दृष्टिकोण से भारत के परमाणु कार्यक्रम की कहानी बताता है। वे 1987-90 तक परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष तथा 1996-98 तक योजना आयोग के सदस्य भी रहे।

Nuclear scientist MR Srinivasan Demise News: मेरा सौभाग्य रहा है कि मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं तथा वे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धताओं की मजबूती, विज्ञान के व्यापक सामाजिक कार्यों के प्रति अपनी गहरी समझ तथा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं की गहन समझ के कारण मुझ पर गहरी तथा स्थायी छाप छोड़ी है।”

Read Also: FIR Registered on Congress MLA: कांग्रेस विधायक और पत्नी पर दहेज प्रताड़ना का मामला हुआ दर्ज, बहू बोली- स्कॉर्पियो चाहिए थी, नहीं दी तो सताया, लगाए ये चौंकाने वाले आरोप


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown