श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति का पुनर्गठन करेगी ओडिशा सरकार : मंत्री
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति का पुनर्गठन करेगी ओडिशा सरकार : मंत्री
भुवनेश्वर, एक अगस्त (भाषा) ओडिशा सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति (एसजेटीएमसी) का जल्द ही पुनर्गठन करेगी, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में भगवान जगन्नाथ की बहुमूल्य वस्तुओं की लंबे समय से लंबित सूची तैयार करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
यह बात ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने रत्न भंडार की मूल्यवान वस्तुओं की सूची बनाने में हो रही देरी के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कही।
हरिचंदन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम जल्द ही एसजेटीएमसी का पुनर्गठन करेंगे, जिससे रत्न भंडार में संग्रहित भगवान जगन्नाथ के कीमती सामानों की सूची तैयार करने का मार्ग प्रशस्त होगा। सोना, हीरे और अन्य वस्तुओं सहित कीमती सामान वर्तमान में मंदिर परिसर के भीतर एक अस्थायी स्ट्रांग रूम में संग्रहित हैं।’’
मंत्री ने बताया कि आरबीआई ने मंदिर के खजाने की बहुप्रतीक्षित सूची प्रक्रिया में भाग लेने के लिए दो विशेषज्ञों को नामित किया है।
मंत्री ने कहा, ‘‘जब सामान स्ट्रांग रूम से रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष में ले जाया जाएगा, तो हम आरबीआई को कार्यक्रम की सूचना देंगे। इसके बाद, नामित अधिकारियों की मौजूदगी में सूची तैयार की जाएगी।’’
रत्न भंडार की अंतिम पूर्ण सूची 46 वर्ष पूर्व 1978 में तैयार की गई थी। एसजेटीएमसी 12वीं शताब्दी के इस मंदिर के कामकाज की देखरेख में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1955 के तहत गठित इस समिति में 18 सदस्य हैं, जिनमें से 10 सरकार द्वारा मनोनीत हैं। शेष पदेन सदस्य हैं, जिनमें गजपति महाराज दिव्यसिंह देब स्थायी अध्यक्ष हैं।
हालांकि, राज्य सरकार ने पिछले 10 महीनों से सदस्यों को नामित नहीं किया है। पिछले सदस्यों का कार्यकाल 2 सितंबर, 2024 को समाप्त हो गया था।
गजपति महाराज ने हाल ही में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था, ‘‘उसके बाद से, सरकार ने कोई नामांकन नहीं किया है। अब जब रथ यात्रा समाप्त हो गई है, तो हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही एसजेटीएमसी के सदस्यों को नामित करेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के सुचारू और कुशल प्रबंधन के लिए यह आवश्यक है।’’
भाषा
अमित दिलीप
दिलीप

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