कोलकाता में नेपाली वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने परिजनों से बात कर राहत की सांस ली

कोलकाता में नेपाली वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने परिजनों से बात कर राहत की सांस ली

कोलकाता में नेपाली वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने परिजनों से बात कर राहत की सांस ली
Modified Date: September 11, 2025 / 06:28 pm IST
Published Date: September 11, 2025 6:28 pm IST

(सुदीप्तो चौधरी)

कोलकाता, 11 सितंबर (भाषा) कोलकाता में नेपाल के महावाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को उस समय राहत की सांस ली, जब सरकारी विरोधी हिंसक प्रदर्शनों से प्रभावित उनके देश में संचार लाइनें फिर से खोल दी गईं और इंटरनेट तथा सोशल नेटवर्किंग साइटों पर लगाया गया प्रतिबंध हटा लिया गया है, जिससे उन्हें अपने परिजनों से फिर से संपर्क करने में मदद मिली।

कोलकाता के अलीपुर क्षेत्र में नेशनल लाइब्रेरी एवेन्यू स्थित महावाणिज्य दूतावास कार्यालय में तैनात सात नेपाली अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि उनके देश में हालात अगले कुछ दिनों में सामान्य हो जाएंगे।

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नेपाली महावाणिज्य दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “नेपाल में अपने परिवार के सदस्यों से बात करके हमें बड़ी राहत मिली है। वे सभी सुरक्षित हैं। प्रदर्शनकारियों ने केवल भ्रष्ट नेताओं को निशाना बनाया।”

उन्होंने कहा, “हम जबरदस्त तनाव में थे; संचार लाइनें बंद होने के कारण हम अपने परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे थे। अब जबकि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, तो हम उनसे बात कर सकते हैं या उन्हें मैसेज भेज सकते हैं।”

कोलकाता में पांच साल से तैनात एक अन्य नेपाली अधिकारी ने उम्मीद जताई कि उनके देश में जल्द एक स्थिर सरकार बनेगी।

अधिकारी ने कहा, “पिछले 24 घंटों में हालात काफी बेहतर हुए हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द ही एक अंतरिम सरकार बनेगी। उम्मीद है कि बाद में एक मजबूत स्थाई सरकार का गठन होगा।”

नेपाल में सोशल मीडिया साइटों पर सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ ‘जेन जेड’ समूह के प्रदर्शन ने सोमवार को हिंसक रूप अख्तियार कर लिया। प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस की ओर से किए गए बल प्रयोग के दौरान कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक घायल हो गए।

मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन के बीच केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के कारण नेपाल में राजनीतिक संकट एक बार फिर गहरा गया है।

विरोध-प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़ और सरकारी प्रतिष्ठानों पर अभूतपूर्व हमलों की घटनाएं दर्ज की गई हैं। देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति संभालने के लिए सेना सड़कों पर गश्त कर रही है।

भाषा पारुल पवनेश

पवनेश


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