ओम बिरला ने राज्यों से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कल्याण पर विधायी समितियां गठित करने को कहा
ओम बिरला ने राज्यों से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कल्याण पर विधायी समितियां गठित करने को कहा
भुवनेश्वर, 30 अगस्त (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को उन राज्यों से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए विधायी निकाय बनाने का आग्रह किया जिन राज्यों में इनका गठन किया गया है।
इन संसदीय और राज्य समितियों के प्रमुखों की बैठक यहां समाप्त हुई।
बिरला ने संवाददाताओं को बताया कि ‘भुवनेश्वर एजेंडा 2025’ के तहत विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए हैं और संबंधित संसदीय समिति उन्हें अमल में लाने के लिए केंद्र और राज्यों से विचार विमर्श करेगी।
उन्होंने कहा कि औसतन, संसदीय समिति की 70 से 80 प्रतिशत सिफारिशें सरकार द्वारा स्वीकार कर ली जाती हैं, जिससे कार्यपालिका को जवाबदेह और पारदर्शी बनाने में उसकी महत्ता का संकेत मिलता है।
बिरला ने कहा कि इस मुद्दे पर संसदीय समिति ने कई सशक्त निर्णय लिए हैं, जिनमें 1.5 लाख से अधिक नौकरियों को नियमित करना और विभिन्न क्षेत्रों में आरक्षण का लाभ प्रदान करना शामिल है।
दो दिवसीय सम्मेलन के समापन पर बिरला ने कहा कि इन निकायों की बैठक 25 वर्षों के बाद और पहली बार दिल्ली से बाहर आयोजित की गई थी। इसमें संसदीय समिति के अलावा 19 राज्य विधानमंडल समितियों और एक केंद्र शासित प्रदेश की समिति के सदस्यों ने भाग लिया।
यह पूछे जाने पर कि लोकसभा में विपक्ष के साथ उचित व्यवहार नहीं किया जाता बिरला ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों को अपनी बात रखने की छूट है और वे अक्सर चर्चा के दौरान निर्धारित समय से ज़्यादा बोलते हैं।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सदन की कार्यवाही नियम के अनुसार संचालित होती है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुधार किए हैं कि वे वर्तमान आकांक्षाओं के अनुरूप हों। ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
भाषा शोभना नेत्रपाल
नेत्रपाल

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