उमर अब्दुल्ला ने साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की

उमर अब्दुल्ला ने साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की

उमर अब्दुल्ला ने साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की
Modified Date: August 1, 2025 / 03:45 pm IST
Published Date: August 1, 2025 3:45 pm IST

अहमदाबाद, एक जुलाई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को साबरमती आश्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं।

उमर ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर खादी की माला चढ़ाई और चरखा चलाने का प्रयास किया।

उमर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “अहमदाबाद की मेरी यात्रा अब पूरी हो गई है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम का भ्रमण करके मैं खुद को विनम्र और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और हमें उस दिशा की ओर ले जाती हैं, जिस ओर हमें जाना चाहिए, लेकिन हम ऐसा कम ही करते हैं।”

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एक अन्य पोस्ट में उन्होंने महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए कहा, “सच्चा लोकतंत्र केंद्र में बैठे 20 लोगों द्वारा नहीं चलाया जा सकता। इसे जमीनी स्तर पर हर गांव के लोगों द्वारा चलाया जाना चाहिए।”

साबरमती आश्रम, जिसे गांधी आश्रम के नाम से भी जाना जाता है, महात्मा गांधी द्वारा 1917 में अहमदाबाद में स्थापित किया गया था।

उमर एक पर्यटन कार्यक्रम के सिलसिले में बुधवार से गुजरात में हैं।

इससे पहले, बृहस्पतिवार को उन्होंने नर्मदा जिले में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ और सरदार सरोवर बांध का दौरा किया।

उमर ने जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपनी सरकार की पहल के तहत टूर संचालकों से भी बातचीत की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उमर की गुजरात यात्रा पर प्रसन्नता जताई थी। उन्होंने कहा था कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की उमर की यात्रा साथी भारतीयों को देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करने के लिए प्रेरित करेगी।

मोदी ने बृहस्पतिवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “कश्मीर से केवडिया! उमर अब्दुल्ला जी को साबरमती रिवरफ्रंट पर दौड़ का आनंद लेते और ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का दौरा करते देखकर अच्छा लगा। ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की उनकी यात्रा एकता का एक महत्वपूर्ण संदेश देती है और हमारे साथी भारतीयों को भारत के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करने के लिए प्रेरित करेगी।”

भाषा पारुल प्रशांत

प्रशांत


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