‘जीआरएपी-3’ लागू होने पर कांग्रेस ने कहा: संकट रोकने पर नहीं, प्रबंधन पर जोर है

‘जीआरएपी-3’ लागू होने पर कांग्रेस ने कहा: संकट रोकने पर नहीं, प्रबंधन पर जोर है

  •  
  • Publish Date - November 11, 2025 / 04:10 PM IST,
    Updated On - November 11, 2025 / 04:10 PM IST

नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा ‘जीआरएपी’ के चरण-3 के तहत पाबंदिया लागू किए जाने के बाद मंगलवार को दावा किया कि सरकार का जोर संकट पैदा होने से रोकने पर नहीं, बल्कि प्रबंधन पर है।

केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट के बीच दिल्ली-एनसीआर में गैर-जरूरी निर्माण कार्यों पर पाबंदी सहित चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) के चरण-3 के तहत प्रतिबंध लागू किए।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘जीआरएपी-3 अभी देश की राजधानी में सक्रिय किया गया है। 2014-17 के शीतकालीन प्रदूषण संकट को लेकर उच्चतम न्यायालय ने आपातकालीन उपायों के लिए चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) को अनिवार्य किया। इसे जनवरी 2017 में अधिसूचित किया गया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद थी कि समय के साथ जीआरएपी की जरूरत कम हो जाएगी क्योंकि साल भर उत्सर्जन में कमी से सुधार होगा। अफसोस की बात है कि यह स्वच्छ वायु कार्ययोजना का केंद्रबिंदु बना हुआ है। शुरुआत में इसे लगातार तीन ‘‘गंभीर’’ दिनों के बाद ही लागू किया गया था, लेकिन अब जीआरएपी हवा की गुणवत्ता में उतार-चढ़ाव पर लगातार प्रतिक्रिया करता है। इसलिए, यह मूलतः प्रतिक्रियाशील है।’’

रमेश ने दावा किया कि जोर संकट को पैदा होने से रोकने पर नहीं, बल्कि इसके प्रबंधन पर है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें परिवर्तन के लिए केवल अक्टूबर-नवंबर में ही नहीं, बल्कि पूरे वर्ष बड़े पैमाने और पूरी गति के साथ ऐसे ठोस बहु-क्षेत्रीय उपायों की आवश्यकता है जो वास्तविक अंतर लाते हों और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों को कम करते हों।’’

कांग्रेस नेता का कहना था कि राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में सक्षम होने के लिए दिल्ली को अभी भी अपने वार्षिक पीएम2.5 स्तरों में 60 प्रतिशत से अधिक की कमी की आवश्यकता है।

भाषा हक

हक नरेश

नरेश