RUPEES VS DOLLAR: डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, जानिए कितना गिरा भारतीय करेंसी

फेडरल रिजर्व के दरों में बढ़ोतरी करने और यूक्रेन में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने की वजह से निवेशक जोखिम उठाने से बच रहे हैं।

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  • Publish Date - September 22, 2022 / 11:21 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:40 PM IST

rupees vs dollar value

RUPEES VS DOLLAR: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने और आगे भी सख्त रूख बनाए रखने के साफ संकेत से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। इसके चलते गुरुवार को रुपया 90 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 80.86 प्रति डॉलर (अस्थायी) के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि फेडरल रिजर्व के दरों में बढ़ोतरी करने और यूक्रेन में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने की वजह से निवेशक जोखिम उठाने से बच रहे हैं।

वहीं, विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी भी रुपये को प्रभावित कर रही है।

पिछले बंद भाव के मुकबले 90 पैसे की गिरावट

RUPEES VS DOLLAR: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 80.27 पर खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह और गिरकर 80.95 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। आखिर में यह 80.86 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकबले 90 पैसे की गिरावट दिखाता है. फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की है. विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि अब सारा ध्यान बैंक ऑफ जापान और बैंक ऑफ इंग्लैंड की मौद्रिक नीति पर रहेगा.

RUPEES VS DOLLAR: छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.38 फीसदी बढ़कर 110.06 पर पहुंच गया है. HDFC सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा कि फेडरल रिजर्व के आक्रामक रूख और रूस और यूक्रेन के बीच भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ने से प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में तेजी आई है. दूसरी एशियाई मुद्राओं की तरह रुपया भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है.

परमार ने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था में मजबूती आने के बाद भी रुपये में गिरावट का मौजूदा रुख जारी रह सकता है. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 461.04 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

आम आदमी पर क्या होगा असर?

RUPEES VS DOLLAR: आपको बता दें कि रुपए के कमजोर होने से केवल नुकसान ही नहीं, बल्कि कुछ फायदे भी हैं. भारत से विदेशों को जाने वाले सामान के अच्छे पैसे भी मिलते हैं. कमजोर रुपए देश से सामान या सेवाओं का निर्यात करने वालों के लिए फायदेमंद होता है. भारत से कल पुर्जे, चाय, कॉफी, चावल, मसाले, समुद्री उत्पाद, मीट जैसे उत्पादों का निर्यात होता है और रुपया कमजोर होने से इन सभी के निर्यातकों को फायदा होगा.

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