ओणम पर्व वर्तमान केरल को उसके शाही अतीत से जोड़ता है

ओणम पर्व वर्तमान केरल को उसके शाही अतीत से जोड़ता है

ओणम पर्व वर्तमान केरल को उसके शाही अतीत से जोड़ता है
Modified Date: September 4, 2025 / 04:08 pm IST
Published Date: September 4, 2025 4:08 pm IST

कोट्टयम (केरल), चार सितंबर (भाषा) केरल के शाही अतीत की एक परंपरा आज भी राज्य के लोकतांत्रिक वर्तमान में अपना स्थान बनाए हुए है।

ओणम की पूर्व संध्या ‘उथ्राडम’ पर राज्य मंत्री वी. एन. वासवन ने यहां वायसकार राजभवन महल का दौरा किया और ‘उथ्रादक्कीझी'(एक पारंपरिक थैला जिसमें 1001 रुपये रखे हुए थे) भेंट किया।

यह उपहार कभी कोचीन के राजाओं द्वारा फसल त्योहार के हिस्से के रूप में शाही परिवार की महिलाओं को दिया जाता था।

 ⁠

अब जबकि राजशाही को समाप्त हुए काफी समय बीत चुका है, तब भी राज्य सरकार इस परंपरा को जीवित रखे हुए है और यह राशि जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदान करती है।

इस वर्ष ‘किझी’ वायसकार महल के राजा राजराज वर्मा की पत्नी एन. के. सौम्यवती थंपुरत्ति को भेंट की गई।

यहां बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार थंपुरत्ति कोचीन शाही वंश की वंशज हैं।

विज्ञप्ति के अनुसार, समारोह में विधायक थिरुवंचूर राधाकृष्णन, जिला कलेक्टर चेतन कुमार मीणा और स्थानीय राजस्व अधिकारी मौजूद थे।

ओणम पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा जो वर्तमान उत्सव को अतीत की परंपराओं से जोड़ता है।

भाषा राखी पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में