असम में अब तक केवल तीन विदेशियों को सीएए के तहत मिली भारतीय नागरिकता: हिमंत

असम में अब तक केवल तीन विदेशियों को सीएए के तहत मिली भारतीय नागरिकता: हिमंत

असम में अब तक केवल तीन विदेशियों को सीएए के तहत मिली भारतीय नागरिकता: हिमंत
Modified Date: September 3, 2025 / 01:27 pm IST
Published Date: September 3, 2025 1:27 pm IST

गुवाहाटी, तीन सितम्बर (भाषा) असम में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के तहत अब तक केवल तीन विदेशियों को भारतीय नागरिकता मिली है, जबकि कुल 12 आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को यह जानकारी दी।

शर्मा ने यहां एक सरकारी कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य में लाखों विदेशियों को नागरिकता मिलने की आशंका के बीच जब केवल 12 आवेदन आए हैं, तो सीएए पर चर्चा करना व्यर्थ है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘असम में सीएए के तहत अब तक केवल तीन लोगों को नागरिकता मिली है।’’

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हालांकि, उन्होंने इन तीनों नागरिकों की मूल राष्ट्रीयता के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की। उन्होंने बताया, ‘‘हमें अब तक केवल 12 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से नौ आवेदन अभी विचाराधीन हैं।’’

संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) 2019 का विरोध किए जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘कहा गया था कि 20 से 25 लाख लोग असम में नागरिकता प्राप्त कर लेंगे। अब आप ही तय करें कि जब केवल 12 आवेदन आए हैं, तो क्या सीएए पर चर्चा करना प्रासंगिक है?’’

उल्लेखनीय है कि अगस्त 2024 में असम के 50 वर्षीय दुलोन दास सीएए के तहत नागरिकता प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बने थे।

सीएए का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसम्बर 2014 से पहले तक भारत आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदायों के लोगों को, भारत में पाँच वर्षों के निवास के बाद, नागरिकता प्रदान करना है।

केंद्र सरकार ने 11 मार्च 2024 को सीएए के नियमों की अधिसूचना जारी कर इसे लागू किया था।

पिछले वर्ष जुलाई में असम सरकार ने अपनी सीमा पुलिस इकाई को निर्देश दिया था कि 2015 से पहले राज्य में प्रवेश करने वाले गैर-मुस्लिम अवैध प्रवासियों के मामलों को विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) को न भेजा जाए और उन्हें सीएए के माध्यम से नागरिकता के लिए आवेदन करने की सलाह दी जाए।

पिछले महीने, राज्य सरकार ने सीएए के लागू होने के बाद सभी जिलों को निर्देश दिया था कि 2015 से पहले राज्य में प्रवेश करने वाले संदेहास्पद गैर-मुस्लिम अवैध प्रवासियों के विरुद्ध एफटी में जारी मामलों को वापस ले लिया जाए।

भाषा मनीषा अमित

अमित


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