हताशा में कांग्रेस जनगणना 2027 के बारे में ‘झूठा’ प्रचार कर रही : भाजपा

हताशा में कांग्रेस जनगणना 2027 के बारे में ‘झूठा’ प्रचार कर रही : भाजपा

हताशा में कांग्रेस जनगणना 2027 के बारे में ‘झूठा’ प्रचार कर रही : भाजपा
Modified Date: June 17, 2025 / 04:37 pm IST
Published Date: June 17, 2025 4:37 pm IST

नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस 2027 की जनगणना पर “झूठा और भ्रामक” प्रचार कर रही है क्योंकि समाज में विभाजन पैदा करके सत्ता हासिल करने की उसकी उम्मीद नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की राष्ट्रव्यापी कवायद में जातिगत गणना को शामिल करने के फैसले से टूट रही है।

कांग्रेस ने 16वीं जनगणना पर सरकार की अधिसूचना को ‘निरर्थक’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि वह इस प्रक्रिया में जाति को शामिल करने के मुद्दे पर कुछ नहीं कहती है। साथ ही, कांग्रेस ने पूछा कि क्या यह सरकार का एक और “यू-टर्न” है।

यह देखते हुए कि कुछ भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं कि राजपत्र अधिसूचना में जातिगत गणना का कोई उल्लेख नहीं है, गृह मंत्रालय ने बाद में जोर देकर कहा कि 2027 की जनगणना में जाति गणना शामिल की जाएगी।

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झूठे दावों के साथ लोगों को गुमराह करने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि इस तरह के “ओछे” कृत्य का सहारा लेकर विपक्षी पार्टी का मुख्य उद्देश्य समाज में भ्रम पैदा करना और सत्ता हासिल करना है।

उन्होंने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि चूंकि कांग्रेस को अपना उद्देश्य पूरा होता नहीं दिख रहा है, इसलिए वह “मिथ्या बातें, छल और झूठ” फैलाने पर उतर आई है।

त्रिवेदी ने कहा कि सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि जनगणना के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन और जाति जनगणना भी कराई जाएगी।

उन्होंने आरोप लगाया, “कांग्रेस की दृष्टि संकीर्ण और सीमित है, बल्कि कहना चाहिए कि उनकी सोच एक दुर्भावनापूर्ण एजेंडे से प्रेरित है। इसी कारण वे मोदी सरकार द्वारा जनगणना कराने के फैसले में जो स्पष्ट रूप से बताया गया है, उसे देखने में असमर्थ हैं।”

राज्यसभा सांसद ने कहा कि वे पूरी तरह से झूठा और भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी उम्मीदें पूरी नहीं हो रही हैं।

त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा जाति के नाम पर वोट बैंक की राजनीति की है लेकिन पिछड़े समुदायों के लिए कुछ नहीं किया।

उन्होंने कहा, “पार्टी ने 1951 में जाति जनगणना रोकने का फैसला किया और काका कालेलकर आयोग और मंडल आयोग की रिपोर्ट को जारी नहीं होने दिया।”

त्रिवेदी ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विश्वास’ मंत्र के साथ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार जाति गणना के साथ जनगणना कराना चाहती है ताकि “सभी जातियों की पहचान, सभी जातियों के लिए सम्मान और सबसे पिछड़ी जातियों का उत्थान” सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने आरोप लगाया कि इसके विपरीत कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जाति के आधार पर समाज में विभाजन पैदा करके केवल अपने परिवारों का उत्थान चाहते हैं।

भाषा प्रशांत मनीषा

मनीषा


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