देश में 1.80 लाख से अधिक गांव ‘ओडीएफ प्लस’ घोषित : सरकार
देश में 1.80 लाख से अधिक गांव 'ओडीएफ प्लस' घोषित : सरकार
नयी दिल्ली,12 फरवरी (भाषा) देश में अब तक 1.80 लाख से अधिक गांवों ने ‘ओडीएफ प्लस’ (खुले में शौच से मुक्त-प्लस) का दर्जा हासिल किया है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी के मुताबिक, सरकार की योजना इस संख्या को मौजूदा वर्ष में दोगुना करने की है।
ओडीएफ प्लस का दर्जा उन गांवों को दिया जाता है, जो खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बनाए रखते हैं तथा ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन करते हैं।
शौचालय सुविधाओं के उचित रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए खुले में शौच मुक्त ओडीएफ के दर्जे की स्थिरता की दिशा में काम करने वाले क्षेत्रों को स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) ‘ओडीएफ प्लस’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
एसबीएम-ग्रामीण के द्वितीय चरण को फरवरी 2020 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि देश के सभी गांव 2024 के अंत तक खुद को ओडीएफ प्लस घोषित करें।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव विनी महाजन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ एसबीएम-ग्रामीण के द्वितीय चरण में हम प्रभावी ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के माध्यम से अपने गांवों में व्यापक स्वच्छता के लिए भी काम कर रहे हैं। इसमें जैविक अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, ग्रेवाटर प्रबंधन और मल अपशिष्ट प्रबंधन शामिल हैं, जिससे गांव ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘हम गोबरधन योजना के तहत जैविक कचरे से बायोगैस और कम्प्रेस्ड बायोगैस तथा खाद, दोनों के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हम घरेलू स्तर पर कचरे का पृथक्करण और अधिक से अधिक गांवों में घर-घर संग्रह देखने की उम्मीद करते हैं। प्रत्येक ब्लॉक में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई स्थापित की जाए। ’’
गोबरधन योजना का उद्देश्य गांवों को मवेशियों के अपशिष्ट, कृषि अपशिष्ट और जैविक कचरे के सुरक्षित प्रबंधन में सहायता करना है।
भाषा रवि कांत सुभाष
सुभाष

Facebook



