बंगाल में एक बीएलओ के मृत पाये जाने पर टीएमसी ने कहा, 50 से अधिक मौतों की वजह एसआईआर संबंधी चिंता

बंगाल में एक बीएलओ के मृत पाये जाने पर टीएमसी ने कहा, 50 से अधिक मौतों की वजह एसआईआर संबंधी चिंता

बंगाल में एक बीएलओ के मृत पाये जाने पर टीएमसी ने कहा, 50 से अधिक मौतों की वजह एसआईआर संबंधी चिंता
Modified Date: December 28, 2025 / 08:37 pm IST
Published Date: December 28, 2025 8:37 pm IST

कोलकाता, 28 दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले में रविवार को एक बूथ-स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) मृत पाया गया, जिसके बाद इन आरोपों को बल मिलने लगा है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से संबंधित काम के दबाव की इसमें मुख्य भूमिका हो सकती है।

यह घटना रानीबांध प्रखंड में हुई, जहां रविवार सुबह एक स्कूल के परिसर से हराधन मंडल का शव बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि मौके पर एक ‘सुसाइड नोट’ पाया गया।

टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) पर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को ‘जबरन आगे बढ़ाने’ (बुलडोज) करने का आरोप लगाया है।

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उन्होंने दावा किया कि भाजपा के चुनावी लाभ के लिए चलाए गए ‘मतदाता-सफाया’ अभियान के कारण पैदा हुई ‘घबराहट, चिंता, थकान और डर’ से अब तक 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मंडल पेशे से स्कूल शिक्षक थे और वह रानीबांध प्रखंड के रजकाटा क्षेत्र के अंतर्गत बूथ संख्या 206 के बीएलओ के रूप में कार्यरत थे।’’

अधिकारी के अनुसार, मौके से मृतक के हस्ताक्षर वाला एक (सुसाइड) नोट बरामद हुआ है, जिसमें कथित तौर पर उन्होंने काम के दबाव को झेलने में असमर्थ होने का जिक्र किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने (सुसाइड) नोट को जब्त कर लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।’’

अधिकारी के अनुसार, पुलिस ने मंडल की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है।

अभिषेक बनर्जी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए भाजपा पर एसआईआर प्रक्रिया को ‘जबरदस्ती’ संचालित करने का आरोप लगाया।

उन्होंने दावा किया, ‘‘जल्दबाजी, अव्यवस्था और राजनीतिक रूप से प्रेरित एसआईआर प्रक्रिया के अमानवीय दबाव में भारत निर्वाचन आयोग के प्रमुख कार्यक्रम ‘स्वीप’ (व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी) के तहत नियुक्त एक और बीएलओ ने अपनी जान दे दी, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।’’

बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीएलओ ने ‘‘आत्महत्या कर ली।’’ उन्होंने दावा किया कि मंडल ने अपने इस कदम के लिए लिखित नोट में ‘एसआईआर कार्य की अमानवीय प्रकृति’ को जिम्मेदार ठहराया है।

उन्होंने कहा, ‘जिसे एक व्यवस्थित प्रक्रिया होना चाहिए था, उसे एक लचर और मिलीभगत वाले निर्वाचन आयोग द्वारा जबरन (बुलडोज करके) थोप दिया गया है। एक पार्टी के राजनीतिक समीकरणों की पूर्ति और एक व्यक्ति के अहंकार की तुष्टि के लिए आयोग नतमस्तक हो गया है।’

अभिषेक बनर्जी ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘जहां तक भाजपा की बात है, यदि थकान, निराशा या डर की वजह से लोगों की मौत होती है तो वह उनकी सत्ता की राजनीति में स्वीकार्य नुकसान है, जिसे वे अपनी सुविधा के लिए महज एक मामूली घटना करार देते हैं।’’

उन्होंने कहा पश्चिम बंगाल न तो माफ करेगा और न ही भूल पाएगा ‘इतिहास सब देख रहा है।’

राज्य में एसआईआर प्रक्रिया चार नवंबर से शुरू हुई थी।

भाषा

प्रचेता संतोष

संतोष


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