‘हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की जरूरत नहीं’ संघ प्रमुख भागवत के बयान पर ओवैसी बोले- दोमुंही बातें करने में महारात

'हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की जरूरत नहीं' संघ प्रमुख भागवत! Owaisi's Statement on Bhagwat's Shivling remark

‘हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की जरूरत नहीं’ संघ प्रमुख भागवत के बयान पर ओवैसी बोले- दोमुंही बातें करने में महारात

Big statement of RSS Chief Mohan Bhagwat about mosques. Hear what was said....

Modified Date: November 29, 2022 / 08:45 pm IST
Published Date: June 3, 2022 9:15 pm IST

नयी दिल्ली: Bhagwat’s Shivling remark  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की जरूरत नहीं’ संबंधी बयान पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं और विचारधारा के स्तर पर कई विरोधियों ने भी उनके बयान का स्वागत करते हुए इसे ‘राजनीतिज्ञों’ जैसा बताया है। जबकि अन्य ने इसे ‘दोमुंही’ बात करार दिया । वहीं, संगठन से जुड़े लोगों ने इसे सतत रूप से जारी विचार परंपरा का प्रतिनिधित्व बताया ।

Read More: थाने में खड़ी 50 से अधिक कार और बाइक जलकर खाक, खेत की आग पहुंची थाने तक

Bhagwat’s Shivling remark  नागपुर में आरएसएस के तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि ज्ञानवापी विवाद में आस्था के जुड़े कुछ मुद्दे शामिल हैं और इस पर अदालत का फैसला सर्वमान्य होना चाहिए और हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने और रोजाना एक नया विवाद खड़ा करने की जरूरत नहीं है। संघ के कई स्वयंसेवकों के अनुसार, भागवत की टिप्पणी ऐसे शरारती तत्वों पर लगाम लगाने और उन्हें अलग करने का प्रयास है जिनका आरएसएस से कोई संबंध नहीं है और जो ‘समावेशी हिन्दुत्व’ के एजेंडे को हाइजैक करने का प्रयास कर रहे हैं ।

 ⁠

Read More: सरकार मेरी हत्या कराना चाहती है, किसानों की आवाज उठाने वाले हैं निशाने पर : राकेश टिकैत

उनका कहना है कि संघ हमेशा काशी और मथुरा में मंदिरों के पुनिर्विकास के समर्थन में रहा है, हालांकि वह यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि यह सर्वसम्मति के आधार पर और देश का माहौल खराब किये बिना हो । भागवत के बयान की सराहना करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इसे बेहद रचनात्मक बताया । उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ हमें इतिहास को अलग रखना और इसे एक दूसरे के खिलाफ लड़ाई का हथियार नहीं बनाना सीखना चाहिए । ’’ जाने माने शिक्षाविद् मार्कंड आर परांजपे ने कहा कि यह मोहन भागवत का राजनीतिज्ञों जैसा दिया गया बयान है और यह समुदायों के बीच सर्वसम्मत समझौते का आधार बन सकता है।

Read More: युवक के साथ गर्लफ्रेंड की दोस्त कर गई ये कांड, बदला लेने के लिए रच डाली ये खतरनाक साजिश, अब पहुंचा हवालात

एआईएमआईएम के असादुद्दीन औवैसी ने हालांकि कहा कि आरएसएस ने दोमुंही बातें करने में महारात हासिल कर ली है । सभी जोकर जो काशी, मथुरा, कुतुब आदि का विषय उठा रहे हैं, उनका संघ से सीधा संबंध है। स्तंभकार अरूण आनंद ने कहा कि भागवत का बयान सतत रूप से चली आ रही संघ की विचार परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है। संघ के एक पदाधिकारी ने भागवत के कई बयानों का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि हिन्दू राष्ट्र का यह अर्थ नहीं है कि वहां मुसलमानों के लिये कोई स्थान नहीं होगा । उन्होंने कहा कि जिस दिन ऐसा होगा, वह हिन्दुत्व नहीं रहेगा । हिन्दुत्व वसुधैव कुटुम्बकम की बात करता है।

Read More: मुंबई में फिर पाबंदी का दौर? कोरोना संक्रमण को देखते हुए BMC ने अधिकारियों को दिया ये निर्देश


लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"