मांड्या में दिखे ‘पेसीएस’ के पोस्टर, कर्नाटक के कृषि मंत्री पर साधा गया निशाना
मांड्या में दिखे 'पेसीएस' के पोस्टर, कर्नाटक के कृषि मंत्री पर साधा गया निशाना
मांड्या, 10 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के मांड्या जिला मुख्यालय शहर में बृहस्पतिवार को सार्वजनिक स्थानों पर क्यूआर कोड वाले ‘पेसीएस’ के पोस्टर सामने आए, जिनमें भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राज्य के कृषि मंत्री एन चालुवरायस्वामी पर निशाना साधा गया।
इसी तरह के पोस्टर राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले कर्नाटक की कांग्रेस इकाई ने भाजपा नेता एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर निशाना साधते हुए लगाए थे जिन पर क्यूर कोड के साथ ‘पे सीएम’ लिखा होता था।
मांड्या में लगाए गए पोस्टरों में कर्नाटक की कांग्रेस नीत सरकार के कृषि मंत्री पर निशाना साधा गया।
पुलिस ने पोस्टर हटा दिए और कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं।
विपक्षी भाजपा और जद (एस) ने ‘पोस्टर अभियान’ में खुद के शामिल न होने की बात कही और दावा किया कि यह एक ‘जन आंदोलन’ है और उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बृहस्पतिवार को सार्वजनिक स्थानों पर चालुवरायस्वामी की तस्वीर और एक क्यूआर कोड वाले कई पोस्टर दिखे।
पोस्टरों में चालुवरायस्वामी पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया गया है जो मांड्या जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं।
इन पर लिखा था: ‘पेसीएस, यहां छह से आठ लाख रुपये स्वीकार किए जाते हैं। चालुवराय स्वामी को कर्नाटक कांग्रेस के लिए भुगतान करने के वास्ते इस क्यूआर कोड को स्कैन करें। किसी भी अंतरण सौदे के लिए, पेसीएस करो!’
भाजपा के मांड्या जिला अध्यक्ष सीपी उमेश ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”यह भाजपा का अभियान नहीं है। मुझे पता चला है कि भाजपा कार्यकर्ता बताए जा रहे कुछ युवाओं को हिरासत में लिया गया है। मुझे अभी तक गिरफ्तारी का विवरण नहीं मिला है, लेकिन हम इसमें शामिल नहीं हैं। मांड्या के लोग मंत्री के खिलाफ खड़े हो गए हैं।”
जद (एस) के एक नेता ने भी कहा कि उनकी पार्टी की पोस्टर अभियान में कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ”कांग्रेस की मांड्या इकाई के भीतर कई समस्याएं हैं। यह ऐसे लोगों का ही काम हो सकता है।”
हाल ही में, मांड्या में कृषि विभाग के सात सहायक निदेशकों ने कथित तौर पर राज्यपाल थावरचंद गहलोत को पत्र लिखकर मंत्री चालुवरायस्वामी पर संयुक्त निदेशक के माध्यम से छह लाख से आठ लाख रुपये की मांग करने का आरोप लगाया था।
राज्यपाल ने इसे मुख्य सचिव वंदिता शर्मा को भेजकर उचित कार्रवाई करने को कहा था।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, चालुवरायस्वामी और मांड्या जिले के कृषि संयुक्त निदेशक ने राज्यपाल को भेजे गए पत्र को ‘फर्जी’ करार दिया।
बाद में, सिद्धरमैया ने कथित पत्र की सीआईडी जांच के आदेश दिए।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
पवनेश

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