पहलगाम हमला : भारत ने लगातार दूसरे दिन विदेशी राजनयिकों को स्थिति की जानकारी दी

पहलगाम हमला : भारत ने लगातार दूसरे दिन विदेशी राजनयिकों को स्थिति की जानकारी दी

पहलगाम हमला : भारत ने लगातार दूसरे दिन विदेशी राजनयिकों को स्थिति की जानकारी दी
Modified Date: April 25, 2025 / 08:42 pm IST
Published Date: April 25, 2025 8:42 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा)भारत ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में मौजूद करीब 45 देशों के राजनयिकों को पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले और सीमा पार आतंकवाद से इसके संबंध के बारे में जानकारी दी। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह सूचना दी।

उन्होंने बताया कि भारत ने राजनयिकों को मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ‘‘ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने’’ की अपनी दृढ़ नीति अपनाई है।

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विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दो पालियो में राजनयिकों को जानकारी दी गई।

पूरे घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक में लातिन अमेरिका, अफ्रीका और पश्चिम एशिया के राजनयिक शामिल हुए।

भारत ने बृहस्पतिवार को जी20 के अधिकांश देशों के वरिष्ठ राजनयिकों और अपने कई करीबी रणनीतिक साझेदारों को आतंकवादी हमले के बारे में जानकारी दी थी।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बृहस्पतिवार को विदेशी राजनयिकों को मामले की जानकारी दी थी जबकि विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल और प्रवासी भारतीय मामलों के प्रभाग में सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने शुक्रवार को विदेशी राजनयिकों को पहलगाम की घटना और उससे उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया।

संबंधित घटनाक्रम में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल के राजदूत रियुवेन अजार, अर्जेंटीना के राजदूत मारियानो कॉसिनो, मिस्र के कामेल जायद और नेपाली राजदूत शंकर पी शर्मा के साथ अलग-अलग बैठकें कीं।

विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘सीमा पार आतंकवाद से निपटने में इजराइल के दृढ़ समर्थन की सराहना की।’’

जयशंकर ने शर्मा के साथ अपनी बैठक के बाद कहा कि उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले में एक नेपाली नागरिक की मौत पर राजदूत को अपनी संवेदना व्यक्त की।

भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदमों की घोषणा की, जिनमें पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात सैन्य प्रतिनिधि को अवांछित घोषित करना, 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना और आतंकवादी हमले के सीमापार संबंधों के मद्देनजर अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद करना शामिल है।

इसके जवाब में पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को सभी भारतीय विमानन कंपनियों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने का फैसला किया तथा तीसरे देशों सहित भारत के साथ व्यापार को स्थगित कर दिया।

पाकिस्तान ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले को भी खारिज कर दिया और कहा कि संधि के तहत पाकिस्तान के जल प्रवाह को रोकने के किसी भी कदम को ‘‘युद्ध की कार्रवाई’’ के रूप में देखा जाएगा।

भाषा धीरज माधव

माधव


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