पान मसाला पर उपकर लगाने वाले विधेयक को संसद ने मंजूरी दी
पान मसाला पर उपकर लगाने वाले विधेयक को संसद ने मंजूरी दी
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) संसद ने पान मसाला पर उपकर लगाने के प्रावधान वाले विधेयक को सोमवार को मंजूरी दे दी।
राज्यसभा में ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पर हुई चर्चा का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जवाब दिए जाने के बाद इसे ध्वनिमत से लौटा दिया गया। लोकसभा ने इसे पांच दिसंबर को मंजूरी दी थी।
राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस विधेयक का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा तथा पान मसाला के उपभोग पर 40 प्रतिशत की जीएसटी बरकरार रहेगी।
‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पान मसाला पर लगाए जाने वाले क्षतिपूर्ति उपकर की जगह लेगा। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े खर्चों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाना है। इसके तहत उन मशीनों या प्रक्रियाओं पर उपकर लगाया जाएगा, जिनके माध्यम से उक्त वस्तुओं का निर्माण या उत्पादन किया जाता है।
जब एक जुलाई 2017 को जीएसटी की शुरूआत हुई थी तो जीएसटी कार्यान्वयन के कारण राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए 30 जून 2022 तक पांच वर्षों के लिए क्षतिपूर्ति उपकर की व्यवस्था लागू की गई थी।
क्षतिपूर्ति उपकर की व्यवस्था को बाद में 31 मार्च 2026 तक चार साल के लिए बढ़ा दिया गया और इसके संग्रह का उपयोग उस ऋण को चुकाने के लिए किया जा रहा है जो केंद्र ने राज्यों को कोविड महामारी की अवधि के दौरान जीएसटी राजस्व हानि की भरपाई के लिए लिया था।
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस विधेयक के जरिये आम लोगों की बुनियादी जरूरत की किसी वस्तु पर कर नहीं लगाया जा रहा, सिर्फ हानिकारक वस्तुओं पर कर लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक दौर में जब अत्याधुनिक युद्ध कौशल को अपनाया जा रहा है तो रक्षा पर खर्च करना बहुत जरूरी हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी को अद्यतन करने पर लगातार धन खर्च करना पड़ता है और इस पर समझौता नहीं किया जा सकता।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री लालकिले से सुदर्शन चक्र की बात कर चुके हैं जिसके तहत देश के महत्वपूर्ण स्थलों, औद्योगिक एवं अन्य प्रतिष्ठानों पर सुरक्षा की दीवार खड़ी करनी होगी। उन्होंने कहा कि इनकी सुरक्षा के लिए लगायी जाने वाली प्रणालियां सस्ती नहीं होती हैं और उनके लिए काफी धन खर्च करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि पान मसाले पर उपकर लगाये जाने से इसके प्रयोग को हतोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि इस उपकर से प्राप्त होने वाले धन का कुछ हिस्सा राज्यों को दिया जाएगा।
भाषा माधव मनीषा माधव अविनाश
अविनाश

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