संसद ने अनुदान की अनुपूरक मांगों और विनियोग विधेयक को मंजूरी दी

संसद ने अनुदान की अनुपूरक मांगों और विनियोग विधेयक को मंजूरी दी

संसद ने अनुदान की अनुपूरक मांगों और विनियोग विधेयक को मंजूरी दी
Modified Date: December 16, 2025 / 06:19 pm IST
Published Date: December 16, 2025 6:19 pm IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) संसद ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों और संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी दे दी।

राज्यसभा ने विनियोग विधेयक को चर्चा के बाद लोकसभा को लौटा दिया। लोकसभा इसे पहले ही मंजूरी दे चुकी है।

लोकसभा ने कटौती प्रस्तावों को अस्वीकार करते हुए वर्ष 2025-26 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगें-प्रथम बैच और संबंधित विनियोग (संख्याक 4) विधेयक, 2025 को ध्वनि मत से स्वीकृति प्रदान की थी।

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राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अनुदान की अनुपूरक मागों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश में यूरिया की तनिक भी कमी नहीं है और 2025 में इसका उत्पाद लगातार बढ़ा है। उन्होंने कहा कि 2014-15 से 2024-2025 के बीच देश का स्वास्थ्य बजट दोगुने से भी अधिक बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि इस दौरान लगभग सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दोगुना हो गया है जबकि रागी का एमएसपी तीन गुना बढ़ा है।

चौधरी ने कहा कि सरकार राजकोषीय सृदृढ़ीकरण के लिए अत्यधिक सजग है और इस क्षेत्र में सरकार की विश्व भर पर सराहना हुई है तथा भारत की ‘क्रेडिट रेटिंग’ काफी बेहतर हुई है।

उन्होंने कहा कि सरकार जहां राजकोषीय घाटे को कम कर रही है वहीं जनता के कल्याण से जुड़ी किसी भी योजना और आधारभूत ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं के लिए कोष में कोई कमी नहीं होने दी गयी है।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 41,455 करोड़ रुपए के शुद्ध अतिरिक्त व्यय के लिए लोकसभा से मंजूरी मांगी थी, जिसमें से 27,000 करोड़ रुपये से अधिक उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी से जुड़ा व्यय भी शामिल है।

सरकार ने कुल 1.32 लाख करोड़ रुपए के सकल अतिरिक्त खर्च के लिए संसद से स्वीकृति मांगी थी। इनमें से 41,455.39 करोड़ रुपए शुद्ध नकद व्यय होंगे, जबकि शेष राशि को विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की 90,812 करोड़ रुपए की बचत से समायोजित किया जाएगा।

अनुदान की अनुपूरक मांगों के अनुसार उर्वरक सब्सिडी और संबंधित मदों पर खर्च के लिए 18,525 करोड़ रुपए की मंज़ूरी मांगी गई और पेट्रोलियम मंत्रालय के लिए एलपीजी सब्सिडी के लिहाज से करीब 9,500 करोड़ रुपये की स्वीकृति मांगी गई थी।

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अतिरिक्त व्यय के लिए 1,304 करोड़ रुपये और वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 225 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

भाषा

अविनाश माधव

माधव


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