नई दिल्लीः Parliament Latest News: संसद में मानसून सत्र का आज 8वां दिन है। दोनों सदनों में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बहस जारी है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की। दुबे ने कहा कि 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति की मदद ली थी। निशिकांत दुबे ने कहा कि 1971 में भारत के बाद 93 हजार पाकिस्तानी युद्धबंदी थे। इसके बावजूद इंदिरा गांधी ने सीजफायर किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि इसके लिए इंदिरा गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन को पत्र लिखा था। निशिकांत दुबे का यह दावा राहुल गांधी के उस बयान पर आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी इंदिरा गांधी जैसी हिम्मत नहीं दिखा पाए।
Parliament Latest News: सांसद दुबे के मुताबिक 5 दिसंबर 1971 को इंदिरा गांधी ने यह पत्र अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को लिखा था। इसमें सीजफायर के लिए गुहार लगाई गई। साथ ही कहा गया कि हमारी सरकार खतरे में है, पाकिस्तान को मनाइए। निशिकांत दुबे ने कहा कि यह बहुत बड़ा सरेंडर था। उन्होंने कहा कि 1971 का पूरा इतिहास इस पत्र में समाहित है। उन्होंने कहा कि जब लोगों को लग रहा था कि हम पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर छीन लेंगे, जब हमारे पास 93000 पाकिस्तानी युद्धबंदी थे, ऐसे समय में सीजफायर हो गया। इस इतिहास को देखकर नहीं लगता कि कांग्रेस ने पूरी मीडिया को नियंत्रित किया। दुबे ने कहा कि हमें इतिहास में पढ़ाया गया है कि निक्सन और किसिंजर को इस मामले में आने की अनुमति नहीं थी। लेकिन सच यह है कि इंदिरा गांधी ने 1971 में सरेंडर किया था।
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दुबे ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर में कितने विमान गिरे’, इसकी जानकारी मांगने वाली कांग्रेस को यह बताना चाहिए था कि 1962, 1965 और 1971 के युद्ध में हमारे कितने विमान गिरे थे। उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस बारे में आज तक कोई रिपोर्ट संसद में नहीं रखी। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस न ले पाने को लेकर भाजपा-नीत सरकार की आलोचना किये जाने की चर्चा करते हुए दुबे ने कहा कि हम पीओके लेकर रहेंगे।