वक्फ बोर्ड के विषय पर दिल्ली सरकार का पक्ष सुनेगी संसदीय समिति

वक्फ बोर्ड के विषय पर दिल्ली सरकार का पक्ष सुनेगी संसदीय समिति

वक्फ बोर्ड के विषय पर दिल्ली सरकार का पक्ष सुनेगी संसदीय समिति
Modified Date: October 29, 2024 / 07:18 pm IST
Published Date: October 29, 2024 7:18 pm IST

नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली वक्फ बोर्ड के एक अधिकारी की प्रस्तुति पर विपक्षी सदस्यों के विरोध के बाद वक्फ संशोधन विधेयक संबंधी संसद की संयुक्त समिति ने मंगलवार को दिल्ली सरकार का पक्ष सुनने पर सहमति जताई।

समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने दिल्ली सरकार का पक्ष सुनने का आश्वासन उस वक्त दिया, जब दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक अश्विनी कुमार द्वारा समिति के समक्ष अपनी बात रखे जाने का विपक्षी सदस्यों संजय सिंह (आम आदमी पार्टी), मोहम्मद अब्दुल्ला (द्रमुक) और असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम) ने विरोध किया।

विपक्षी सदस्यों का कहना था कि वक्फ बोर्ड के प्रशासक जो प्रस्तुति समिति के समक्ष देना चाहते हैं, उसे दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंजूरी नहीं दी थी।

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इस मुद्दे के कारण सोमवार को समिति की कार्यवाही रोक दी गई थी और लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह से इस मुद्दे पर राय मांगे जाने के बाद कुमार को बोर्ड के समक्ष अपने विचार रखने के लिए कहा गया था।

विपक्ष ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक के रूप में एक गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति पर भी सवाल उठाया और तर्क दिया कि कानून इसकी अनुमति नहीं देता है। भाजपा के एक सदस्य ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि पहले भी इन पदों पर गैर-मुस्लिम व्यक्तियों को नियुक्त किया गया है।

इसके बाद तीनों विपक्षी सदस्य हॉल के केंद्र में जमा हो गए और लगभग एक घंटे तक नारे लगाते रहे, जिसके बाद पाल नरम पड़े और अपने प्रतिनिधि के माध्यम से इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार का पक्ष सुनने के लिए सहमत हुए।

तृणमूल सदस्य कल्याण बनर्जी भी समिति की बैठक में शामिल हुए। निलंबन की वजह से वह समिति की पिछली बैठक में शामिल नहीं हो सके थे।

वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति की बैठक में बनर्जी ने कांच की बोतल तोड़कर समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की ओर फेंक दी थी। इसके बाद उन्हें समिति की बैठक से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था।

भाषा हक

हक दिलीप

दिलीप


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