पूर्वोत्तर के लोग भारतीय हैं, चीनी नहीं: गौरव गोगोई
पूर्वोत्तर के लोग भारतीय हैं, चीनी नहीं: गौरव गोगोई
(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने देहरादून में त्रिपुरा के एक छात्र की हत्या की निंदा करते हुए सोमवार को कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के लोग भारतीय हैं, चीनी नहीं।
त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के छात्र एंजेल चकमा (24) पर नौ दिसंबर को छह लोगों ने उस समय हमला कर दिया, जब उसने अपने और अपने छोटे भाई के खिलाफ नस्ली टिप्पणी का विरोध किया। चकमा ने 26 दिसंबर को अस्पताल में दम तोड़ दिया।
असम से आने वाले और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोगोई ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं भारतीय हूं, चीनी नहीं। पूर्वोत्तर के लोग भारतीय हैं, वे चीनी नहीं हैं।”
उन्होंने कहा, “ठीक यही बात 24 वर्षीय एंजेल चकमा ने नौ दिसंबर को कही थी, जब वह बाजार से लौट रहा था और कुछ लोग उसे चीनी कहकर परेशान कर रहे थे।”
गोगोई ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के कई लोगों के साथ ऐसा व्यवहार हुआ है।
उन्होंने कहा, “उन अपमानजनक शब्दों को सुनकर चकमा चुपचाप वहां से जा सकता था। अगर उसने ऐसा किया होता, तो शायद आज वह जिंदा भी होता। लेकिन उस दिन चकमा यह बर्दाश्त नहीं कर सका और कहा-मैं भारतीय हूं, चीनी नहीं।”
देहरादून पुलिस ने छह आरोपियों में से पांच को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, छठा आरोपी नेपाल के कंचनपुर जिले का रहने वाला यज्ञराज अवस्थी फरार है।
गोगोई ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी की कड़ी आलोचना की और कहा कि इसकी जांच की जानी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया, “पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने में 12 दिन लग गए। जब छात्रों ने प्रदर्शन किया, तब जाकर प्राथमिकी दर्ज की गई।”
गोगोई ने कहा कि जब पुलिस पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों की शिकायतें दर्ज नहीं करती, तो देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की घटनाएं होती हैं।
कांग्रेस नेता ने चकमा के परिजनों के हवाले से कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी ने मुख्य आरोपी को भागने के लिए पर्याप्त समय दिया।
उन्होंने मांग की कि मामले की समयबद्ध तरीके से जांच की जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि पूरे देश में यह संदेश जाए कि ऐसे अपराधों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गोगोई ने पूर्वोत्तर के इतिहास, संस्कृति, भाषाओं और साहित्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चकमा त्रिपुरा के उनाकोटी जिले का रहने वाला था, जहां कुछ प्राचीन शिव मंदिर स्थित हैं।
गोगोई ने कहा कि पूर्वोत्तर के छात्र पढ़ाई के सिलसिले में देश के अलग-अलग हिस्सों का रुख करते हैं और चकमा भी इसी कारण से देहरादून गया था, लेकिन “उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि असम के कार्बी आंगलोंग जिले में कार्बी जनजातियों को उनकी अपनी भूमि पर ‘चीनी’ कहा जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से सोमवार को असम दौरे के दौरान दिए गए इस बयान पर कि असम और शेष भारत में घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेज दिया जाएगा, गोगोई ने कहा, “गृह मंत्री असम के दौरे पर हैं, आज का मुख्य मुद्दा छठी अनुसूची है। परिषद के प्रमुख, जो भाजपा सदस्य हैं, के घर को प्रदर्शनकारियों ने जला दिया। छठी अनुसूची से जुड़े मुद्दे गृह मंत्री देखते हैं।”
गोगोई असम के दीफू में 22 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों के कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) के प्रमुख तुलिराम रोंगहांग के आवास को आग के हवाले करने की घटना का जिक्र कर रहे थे।
भाषा पारुल माधव
माधव

Facebook



