लोगों को वोट देने से पहले मेरी और पिछली सरकार के काम का मूल्यांकन करना चाहिए : हेमंत सोरेन

लोगों को वोट देने से पहले मेरी और पिछली सरकार के काम का मूल्यांकन करना चाहिए : हेमंत सोरेन

लोगों को वोट देने से पहले मेरी और पिछली सरकार के काम का मूल्यांकन करना चाहिए : हेमंत सोरेन
Modified Date: September 11, 2024 / 09:41 pm IST
Published Date: September 11, 2024 9:41 pm IST

(फोटो के साथ)

गोड्डा, 11 सितंबर (भाषा) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि लोगों को विधानसभा चुनाव में वोट डालने से पहले उनकी सरकार और पिछली सरकारों द्वारा किए गए कार्यों का मूल्यांकन करना चाहिए।

सोरेन ने गोड्डा जिले में ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम में यह बात कही। इस कार्यक्रम में सोरेन ने लगभग 358 करोड़ रुपये की लागत वाली 147 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ आगामी चुनावों के लिए, हमें वोट मांगने का पूरा अधिकार है क्योंकि हमने आपके लिए काम किया है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी को यह आकलन करना चाहिए कि पिछली सरकारों के तहत 20 साल तक आपको कैसे लूटा गया और इस सरकार के तहत पिछले साढ़े चार साल में आपको क्या अधिकार मिले। ’’

झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता ने कहा कि उनकी सरकार ने झारखंड मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना (जेएमएमएसवाई) शुरू की है, जिससे राज्य की लगभग 50 लाख महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।

सोरेन ने कहा, ‘‘हमारे विपक्ष का आरोप है कि हमने वोट के लिए ये योजना शुरू की है। लेकिन, मैं जानता हूं कि गांवों में गरीब लोग आज भी छोटी-छोटी जरूरतों, बच्चों की पढ़ाई और इलाज के लिए साहूकारों से कर्ज लेते हैं। आने वाले दिनों में सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर घर में एक लाख रुपये की राशि पहुंचे ताकि उन्हें साहूकारों से कर्ज न लेना पड़े। ’’

उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्रामीण झारखंड को सशक्त बनाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं और राज्य में गरीबों, छात्रों, युवाओं और महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं।

सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि मणिपुर एक साल से अधिक समय से जल रहा है और महिलाओं की इज्जत लूटी जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘ लोग पलायन को मजबूर हैं लेकिन केंद्र सरकार के मुखिया ने एक बार भी वहां का दौरा नहीं किया। ’’

भाषा रवि कांत रवि कांत माधव

माधव


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