आपातकाल के गवाह बने लोग आज भी उसकी याद से कांप उठते हैं: शेखावत

आपातकाल के गवाह बने लोग आज भी उसकी याद से कांप उठते हैं: शेखावत

आपातकाल के गवाह बने लोग आज भी उसकी याद से कांप उठते हैं: शेखावत
Modified Date: June 25, 2025 / 07:50 pm IST
Published Date: June 25, 2025 7:50 pm IST

नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कहा कि आपातकाल के दौरान एक स्वतंत्र राष्ट्र को फिर से ‘‘गुलामी की जंजीरों’’ में डाल दिया गया था और जिन लोगों ने 21 महीने का वह ‘‘काला दौर’’ देखा, वे आज भी उसके बारे में सोचकर कांप उठते हैं।

शेखावत ने 25 जून 1975 को आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूरे होने पर त्यागराज स्टेडियम में आयोजित ‘‘संविधान हत्या दिवस’’ कार्यक्रम में कहा कि भारतीय लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं और संविधान की पवित्रता 1977 में बहाल कर दी गई थी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

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शेखावत ने आपातकाल के दौरान लोगों पर किए गए अत्याचारों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आपातकाल के दौरान एक स्वतंत्र राष्ट्र को गुलामी की जंजीरों में जकड़ दिया गया था।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने आपातकाल का दौर देखा, वे आज भी उसके बारे में सोचकर कांप उठते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इस देश में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं और 21 महीने के काले दौर के बाद (1977 में) संविधान की पवित्रता बहाल हुई।’’

आपातकाल की 50वीं बरसी के मौके पर पूरे देश में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

भाषा प्रीति अविनाश

अविनाश


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