नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक जनहित याचिका खारिज कर दी जिसमें रेड लाइट पर यातायात नियमों का उल्लंघन रोकने के लिए लगाए गए कैमरा को हटाने का अनुरोध किया गया था। अदालत ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाते हुए कहा कि ऐसा करने पर ‘‘दूरगामी नतीजे’’ होंगे और ‘‘अव्यवस्था’’ फैल जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता पर 2500 रुपये का जुर्माना भी लगाया। याचिका में ट्रैफिक लाइट पर नियमों के उल्लंघन के लिए जारी होने वाले चालान पर भी रोक लगाने का अनुरोध किया गया था।
अदालत ने कहा कि विभिन्न उद्देश्यों के लिए कैमरे का इस्तेमाल होता है और इसे लगाने से रोका नहीं जा सकता क्योंकि इसके दूरगामी नतीजे होंगे।
याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा, ‘‘अव्यवस्था फैल जाएगी।’’
विधि के अंतिम वर्ष के छात्र ने याचिका में दलील दी थी कि कैमरा लगे होने से लाल बत्ती पर एंबुलेंस के आगे खड़े वाहन के आगे नहीं बढ़ने से एंबुलेंस फंसी रहती है और हरी बत्ती के इंतजार में मरीज का कीमती समय बर्बाद होता हे।
याचिका में दलील दी गयी, ‘‘अगर ट्रैफिक लाइट से कैमरा नहीं हटाए गए तो इससे जान की अपूरणीय क्षति होगी और यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन है।’’
भाषा सुरभि अनूप
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