नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़े एक मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मंगलवार को तमिलनाडु में छह स्थानों पर छापेमारी की और पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि चेन्नई, मदुरै, डिंडीगुल और थेनी जिलों में छापे मारे गए।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि इन गिरफ्तारी के साथ ही, राज्य में पिछले साल दर्ज आपराधिक साजिश मामले में पकड़े गए लोगों की कुल संख्या 15 हो गई है।
मंगलवार को गिरफ्तार आरोपियों की पहचान चेन्नई के अब्दुल रज्जाक (47), मदुरै के वकील मोहम्मद यूसुफ (35) और वकील एम मोहम्मद अब्बास (45), डिंडीगुल के काइजर ए (45) और थेनी के सातिक अली (39) के रूप में की गई है।
प्रवक्ता के अनुसार आरोपियों की संपत्तियां की तलाशी ली गई, जिनमें ज्यादातर घर और फार्महाउस शामिल हैं। छापे के दौरान धारदार हथियार, डिजिटल उपकरण और दस्तावेजों सहित कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई।
एनआईए के अनुसार ‘जांच से पता चला कि आरोपियों ने साजिश रची थी और अपने उन ‘कथित दुश्मनों’ के सफाए की योजना बनाई थी, जो पीएफआई विचारधारा से जुड़े नहीं थे तथा 2047 तक भारत में इस्लामिक राज्य स्थापित करने की उसकी योजना का विरोध कर रहे थे।’
प्रवक्ता ने कहा कि साजिश के तहत, आरोपियों ने बड़ी संख्या में पीएफआई कैडर, विशेष रूप से संगठन के नेतृत्व द्वारा चुने गए युवाओं को कट्टरपंथी बनाया और प्रतिद्वंद्वियों पर हमला करने एवं लोगों की जान लेने के लिए विभिन्न प्रकार के हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण भी दिया था।
यह मामला पिछले साल 19 सितंबर को दर्ज किया गया था। संघीय एजेंसी ने 17 मार्च को 10 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया।
अधिकारियों के अनुसार यह मामला साजिश और गैरकानूनी गतिविधियों, जैसे धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य पैदा करना और सार्वजनिक सौहार्द और शांति को बाधित करने के लिए सांप्रदायिक सद्भाव के वास्ते हानिकारक गतिविधियों को अंजाम देना और भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने से संबंधित है।
उन्होंने कहा कि संगठन पर अपने सदस्यों को घातक हथियारों के साथ प्रशिक्षण मुहैया कराने का भी आरोप लगाया गया है।
भाषा
अविनाश माधव
माधव
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