विमान दुर्घटना: लापता मेडिकल हॉस्टल की रसोइया और उसकी पोती की मौत की पुष्टि डीएनए जांच से हुई

विमान दुर्घटना: लापता मेडिकल हॉस्टल की रसोइया और उसकी पोती की मौत की पुष्टि डीएनए जांच से हुई

विमान दुर्घटना: लापता मेडिकल हॉस्टल की रसोइया और उसकी पोती की मौत की पुष्टि डीएनए जांच से हुई
Modified Date: June 20, 2025 / 06:59 pm IST
Published Date: June 20, 2025 6:59 pm IST

अहमदाबाद, 20 जून (भाषा) यहां मेडिकल कॉलेज हॉस्टल परिसर के मेस में रसोइया के रूप में कार्यरत 52 वर्षीय ‘लापता’ महिला और उसकी पोती को लेकर बना रहस्य उस वक्त खत्म हो गया जब डीएनए जांच में पुष्टि हुई कि वे एअर इंडिया विमान हादसे में मारे गए लोगों में शामिल थीं। महिला के परिवार ने यह जानकारी दी।

पिछले 15 वर्ष से इस परिसर में काम कर रही सरलाबेन ठाकोर और उनकी दो वर्षीय पोती आद्या के शव बृहस्पतिवार को अहमदाबाद सिविल अस्पताल में उनके परिजनों को सौंप दिए गए। डीएनए परीक्षण से 12 जून की त्रासदी में उनकी मौत की पुष्टि हो गयी थी।

महिला के बेटे रवि ठाकोर ने संवाददाताओं को बताया, “डीएनए टेस्ट के बाद बृहस्पतिवार को मेरी मां सरलाबेन और बेटी आद्या के शव हमें सौंप दिए गए। भारी मन से हमने उसी दिन उनका अंतिम संस्कार कर दिया।”

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पिछले 15 वर्ष से रवि ठाकोर अपने परिवार के साथ, जिसमें उनकी दिवंगत मां और पत्नी ललिता भी शामिल हैं, मेघाणीनगर स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास के मेस में एमबीबीएस छात्रों के लिए खाना पकाते थे। 12 जून की दोपहर में अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का विमान हॉस्टल की इमारत से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

दुर्घटना से ठीक पहले 12 जून को रवि और ललिता ठाकोर वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए भोजन का टिफिन पहुंचाने के लिए मेस से लगभग 500 मीटर दूर स्थित सिविल अस्पताल चले गए, जबकि आद्या और सरलाबेन मेस में ही रुक गईं, जहां छात्रावास में रहने वाले एमबीबीएस छात्र भोजन के लिए एकत्र होते हैं।

रवि ठाकोर ने कहा, “हम अपराह्न करीब एक बजे अस्पताल में टिफिन पहुंचाने के लिए मेस से निकले थे। करीब 1:40 बजे अचानक एक विमान मेस और उसके साथ लगे हॉस्टल की इमारत में जा गिरा और पूरा इलाका आग की चपेट में आ गया। जब हम मौके पर पहुंचे तो मेरी मां और बेटी गायब थीं, जबकि मेस में काम करने वाली बाकी सभी महिलाएं किसी तरह बाहर निकल आईं।”

काफी तलाश के बाद भी सरलाबेन और आद्या का पता नहीं चल पाया।

अंततः दुर्घटना के एक सप्ताह बाद, डॉक्टरों ने सरलाबेन और आद्या के पार्थिव अवशेषों के साथ डीएनए नमूनों का मिलान किया और उनकी पहचान स्थापित करने के बाद बृहस्पतिवार को उन्हें शोकाकुल परिजनों को सौंप दिया।

भाषा प्रशांत माधव

माधव


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