PM Narendra Modi Birth Day: अन्नदाताओं के हित में पीएम मोदी ने लिए कई बड़े फैसले, सम्मान निधि से सुधरी किसानों की हालत
तो चलिए आपको मोदी सरकार में किसानों के लिए लाई गई योजना और कृषि कानून के बारे में विस्तार से बताते हैं।
pm modi birthday
PM Narendra Modi Birth Day: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को 72 साल के हो जाएंगे। मोदी 2014 में देश के पीएम बने थे तब से लेकर अब तक उन्होंने किसानों और आम जनता के लिए कई जन-कल्याणकारी योजना चलाई। जिसका फायदा भी लोगों को मिला। यदि हम किसानों की बात करें तो उन्होंने कई योजना उनके लिए लाई। कई फसलों की एमएसपी में भी जबरदस्त वृद्धि हुई। जिससे किसानों को फायदा भी हुआ। लेकिन बीच में किसानों के लिए कानून भी लाया गया जिसका जबरदस्त विरोध देश के किसान संगठनों द्वारा किया गया। जिसके बाद सरकार को कानून वापस भी लेना पड़ा। तो कुल मिलाकर मोदी सरकार द्वारा चलाए गए योजना का लाभ भी किसानों को मिला तो वहीं कुछ विरोध का भी उन्हें सामना करना पड़ा। तो चलिए आपको मोदी सरकार में किसानों के लिए लाई गई योजना और कृषि कानून के बारे में विस्तार से बताते हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि
PM Narendra Modi Birth Day: छोटे किसानों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये योजना काफी मददगार साबित हुई है। इस योजना का लाभ उन किसानों को हुआ है, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम की जमीन है। इस योजना के तहत सरकार किसान परिवारों को हर साल 6 हजार रुपये दे रही है, जो चार महीने से 2-2 हजार रुपये की किस्त के रुप में दिए जा रहे हैं। सरकार की ओर से सीधे किसान के खाते में ये पैसे पहुंचाए जा रहे हैं। इससे किसानों को आर्थिक मदद मिली है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
PM Narendra Modi Birth Day: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना द्वारा प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। ज्यादा किसानों को इसमें शामिल करवाने के लिए मेरी पालिसी, मेरे हाथ अभियान भी चलाया गया। पीएम फसल बीमा स्कीम के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसानों ने प्रीमियम के लगभग 21 हजार करोड़ रुपये जमा कराए, जबकि उन्हें फसलों के नुकसान के बदले क्लेम के रूप में 1.15 लाख करोड़ रुपये मिले हैं।
एमएसपी में रिकॉर्ड वृद्धि
PM Narendra Modi Birth Day: सरकार ने किसानों के जीविकोपार्जन के साथ-साथ उनकी बेहतर आय को ध्यान में रखते हुए खरीफ, रबी व अन्य वाणिज्यिक फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में लगातार वृद्धि की है। इसी का परिणाम रहा है कि वर्ष 2013-14 में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य जो 1310 रुपये प्रति क्विंटल था, वह 2021-22 में बढ़कर रु. 1940 प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है। इसी प्रकार, वर्ष 2013-14 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1400 रु. प्रति क्विंटल था, जो अब 2015 रु. प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है।
लाए गए तीन किसान कानून
1. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम-2020
2. कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम-2020
3. कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम-2020
किसानों ने किया विरोध
PM Narendra Modi Birth Day: किसान संगठनों का आरोप था कि नए कानून के लागू होते ही कृषि क्षेत्र भी पूंजीपतियों या कॉरपोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा, जिससे किसानों को नुकसान होगा। इस नए बिल के मुताबिक, सरकार आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई पर अति-असाधारण परिस्थिति में ही नियंत्रण करती। नए कानून में उल्लेख था कि इन चीजों और कृषि उत्पाद की जमाखोरी पर कीमतों के आधार पर एक्शन लिया जाएगा। सरकार इसके लिए तब आदेश जारी करेगी, जब सब्जियों और फलों की कीमतें 100 फीसदी से ज्यादा हो जातीं। या फिर खराब न होने वाले खाद्यान्नों की कीमत में 50 फीसदी तक इजाफा होता। किसानों का कहना था कि इस कानून में यह साफ नहीं किया गया था कि मंडी के बाहर किसानों को न्यूनतम मूल्य मिलेगा या नहीं। ऐसे में हो सकता था कि किसी फसल का ज्यादा उत्पादन होने पर व्यापारी किसानों को कम कीमत पर फसल बेचने पर मजबूर करें। तीसरा कारण यह था कि सरकार फसल के भंडारण का अनुमति दे रही है, लेकिन किसानों के पास इतने संसाधन नहीं होते हैं कि वे सब्जियों या फलों का भंडारण कर सकें।
कानून लिए गए वापस
PM Narendra Modi Birth Day: मोदी सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों का जमकर विरोध हुआ। किसानों ने दिल्ली में बैठकर करीब एक साल तक विरोध जारी रखा। आखिरकार किसानों के लगातार विरोध के सामने सरकार को झुकना पड़ा और तीनों कानूनों को वापस भी लेना पड़ा। पीएम मोदी ने कानून वापस लेने के बाद किसानों से माफी मांगते हुए कहा कि वह माफी चाहते हैं कि वह उन्हें समझा नहीं पाए

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