Bairabi–Sairang Railway Line: भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण रेलवे लाइन को हरी झंडी, पीएम मोदी ने बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन की शुरूआत की

Bairabi–Sairang Railway Line विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, मोदी ने 8,070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बैराबी-सैरंग रेलवे लाइन का उद्घाटन किया

Bairabi–Sairang Railway Line: भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण रेलवे लाइन को हरी झंडी, पीएम मोदी ने बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन की शुरूआत की

Bairabi–Sairang Railway Line, image source: ibc24

Modified Date: September 13, 2025 / 04:13 pm IST
Published Date: September 13, 2025 3:28 pm IST
HIGHLIGHTS
  • मिजोरम में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत
  • सबसे चुनौतीपूर्ण मानी जाने वाली बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन
  • तीन नयी एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी

आइजोल: Bairabi–Sairang Railway Line, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मिजोरम में बैराबी-सैरंग रेलवे लाइन समेत 9,000 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत की, जिसके साथ ही राज्य अब देश के रेलवे नेटवर्क के साथ पूरी तरह से एकीकृत हो गया।

साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पूर्वोत्तर राज्य की अपनी दूसरी यात्रा के दौरान, मोदी ने आइजोल और दिल्ली के बीच पहली राजधानी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई और रेल, राजमार्ग, ऊर्जा व खेल बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न रणनीतिक परियोजनाओं की शुरुआत की। प्रधानमंत्री मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।

मोदी ने आइजोल से लगभग 37 किलोमीटर दूर लेंगपुई हवाई अड्डे से परियोजनाओं की शुरुआत की, क्योंकि भारी बारिश के कारण उनका हेलीकॉप्टर शहर के मध्य में स्थित लामुअल ग्राउंड के लिए उड़ान नहीं भर सका, जहां से उन्हें राष्ट्र को विभिन्न पहल समर्पित करनी थीं और एक जनसभा को संबोधित करना था।

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मिजोरम में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मिजोरम में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, मोदी ने 8,070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बैराबी-सैरंग रेलवे लाइन का उद्घाटन किया, जिसके तहत राज्य की राजधानी आइजोल को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा गया। चुनौतीपूर्ण पहाड़ी इलाकों में बनी इस रेलवे लाइन के लिए जटिल भूगर्भीय परिस्थितियों में 45 सुरंगें बनाई गई हैं।’’

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Bairabi–Sairang Railway Line, मिजोरम के राज्यपाल वी. के. सिंह, मुख्यमंत्री लालदुहोमा और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लामुअल मैदान में मौजूद थे। लगभग 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन परियोजना केंद्र की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है।

सबसे चुनौतीपूर्ण मानी जाने वाली बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन

भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण मानी जाने वाली बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन को 2008-09 में मंजूरी दी गई थी और इसका निर्माण 2015 में शुरू हुआ था। इस लाइन में 45 सुरंगें, 55 बड़े पुल और 87 छोटे पुल शामिल हैं।

Bairabi–Sairang Railway Line, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सैरंग के पास स्थित पुल 114 मीटर ऊंचा है और इसकी ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ज्यादा है। अधिकारी ने बताया कि यह देश का खंभों वाला सबसे ऊंचा पुल है। इस रेल मार्ग में पांच सड़क ओवरब्रिज और छह अंडरपास भी हैं। इस रेल मार्ग पर बैराबी के अलावा चार मुख्य स्टेशन- होरटोकी, कावनपुई, मुआलखांग और सैरंग पड़ते हैं। मिजोरम और देश के बाकी हिस्सों के बीच सीधे रेल संपर्क से क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित, कुशल व किफायती यात्रा विकल्प मिलेगा।

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प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इससे खाद्यान्न, उर्वरक और अन्य आवश्यक वस्तुओं की समय पर और विश्वसनीय आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी, जिससे समग्र रसद दक्षता और क्षेत्रीय पहुंच में वृद्धि होगी। अधिकारियों ने कहा कि नयी रेल लाइन से यात्री और माल ढुलाई की प्रक्रिया में सुधार होगा, यात्रा समय में कमी आएगी, पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा तथा मिजोरम की जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी।

तीन नयी एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर तीन नयी एक्सप्रेस ट्रेन – सैरंग (आइजोल)-दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल) राजधानी एक्सप्रेस, सैरंग-गुवाहाटी एक्सप्रेस और सैरंग-कोलकाता एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई।उन्होंने रेलवे, सड़क मार्ग, ऊर्जा, खेल आदि समेत विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री की पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास पहल (पीएम-देवाइन) योजना के तहत 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 45 किलोमीटर लंबी आइजोल बाईपास सड़क से आइजोल शहर में भीड़भाड़ कम होगी और लुंगलेई, सियाहा, लॉन्गतलाई, लेंगपुई हवाई अड्डे और सैरंग रेलवे स्टेशन समेत अन्य से संपर्क में सुधार होगा।

सेरछिप जिले में पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना (एनईएसआईडीएस) के अंतर्गत खानकॉन-रोंगुरा सड़क से बाजारों तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी और क्षेत्र के विभिन्न बागवानी किसानों और अन्य लोगों को लाभ होगा। साथ ही अदरक प्रसंस्करण संयंत्र को भी सहायता मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने लॉन्गतलाई-सियाहा रोड पर छिमटुईपुई पुल, खेलों के विकास के लिए ‘खेलो इंडिया’ बहुउद्देशीय इनडोर हॉल और आइजोल के मुआलखांग में एक एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की आधारशिला भी रखी। मोदी ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) योजना के अंतर्गत कावर्था में एक आवासीय विद्यालय और तलंगनुआम में एक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का उद्घाटन भी किया।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com