PM Modi in Varanasi: पीएम मोदी ने काशी से किसानों के खाते में भेजें पैसे, कहा- मां गंगा ने मुझे गोद लिया है
PM Modi in Varanasi: पीएम मोदी ने काशी से किसानों के खाते में भेजें पैसे, PM Modi sent money to farmers' accounts from Kashi
PM Modi in Varanasi
वाराणसीः PM Modi in Varanasi तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार काशी पहुंचे हैं। उन्होंने यहां 9.60 करोड़ किसानों को सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की। उन्होंने 20 हजार करोड़ रुपए किसानों के खाते में डाले। इस दौरान पीएम मोदी ने एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद आज हम पहली बार बनारस आइल है। काशी के जनता जनार्दन के हमारा प्रणाम। बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद, काशी के असीम स्नेह से मुझे तीसरी बार देश का प्रधान सेवक बनने का सौभाग्य मिला है। काशी के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार अपना प्रतिनिधि चुनकर धन्य कर दिया है। अब तो मां गंगा ने भी जैसे मुझे गोद ले लिया है। मैं यहीं का हो गया। इतनी गर्मी के बावजूद बड़ी संख्या में आप आशीर्वाद देने आए। आपकी तपस्या देखकर सूर्य देवता भी ठंडक बरसाने लग गए।
60 साल में पहली बार किसी सरकार ने हैट्रिक लगाई
PM Modi in Varanasi पीएम ने कहा- अभी मैं जी-7 की मीटिंग के लिए इटली गया था। सारे देशों के सारे वोटर्स को मिला दें तो भी भारत के वोटर्स की संख्या उनसे डेढ़ गुना ज्यादा है। इस चुनाव में 31 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने हिस्सा लिया है। पीएम ने कहा कि काशी के लोगों ने तो सिर्फ सांसद नहीं, तीसरी बार पीएम भी चुना है। इस चुनाव में जो जनादेश दिया है वह अभूतपूर्व है। लोकतांत्रिक देशों में ऐसा बहुत कम ही देखा गया है। कोई चुनी हुई सरकार लगातार तीसरी बार वापसी करे। भारत की जनता ने यह भी इस बार करके दिखाया है। ऐसा भारत में 60 साल पहले हुआ था। तब से भारत में किसी सरकार ने हैट्रिक नहीं लगाई। आपने यह सौभाग्य दिया। अपने सेवक को दिया।
‘दुनिया की हर डाइनिंग टेबल पर खाद्यान्न मेरा सपना’
पीएम ने कहा-मैंने किसान, नौजवान, नारी शक्ति को इन्हें विकसित भारत का मजबूत स्तंभ माना है। इसलिए मैंने सरकार बनने के बाद सबसे पहले इन्हीं को प्राथमिकता में रखा सरकार बनने के बाद किसानों से जुड़ा लिया। पीएम किसान सम्मान निधि दुनिया की सबसे बड़ी ट्रांसफर निधि बन चुकी है। मेरा सपना है दुनिया की हर डाइनिंग टेबल पर भारत का कोई न कोई खाद्यान्न यानी फूड प्रोडक्ट होना चाहिए। बनारस का लंगड़ा आम, जौनपुर की मूली, गाजीपुर की भिंडी ऐसे अनेक उत्पाद विदेशी मार्केट में पहुंच रहे हैं।
पीएम ने कहा-माता-बहनों के बिना खेती की कल्पना संभव नहीं
पीएम ने कहा- माता-बहनों के बिना खेती की कल्पना संभव नहीं है। बहनों की भूमिका का विस्तार किया जा रहा है। कृषि सखी कार्यक्रम ऐसा ही एक प्रयास है। काशी में बनारस डेयरी संकुल की स्थापना हो। काशी और पूर्वांचल के किसान मजबूत हुए हैं। बनारस डेयरी ने पशु पालकों का भाग्य बदलने का काम किया। डेढ़ साल में काशी के 16 हजार पशु पालकों को अपने साथ जोड़ने जा रही। दूध उत्पादकों की कमाई में वृद्धि हुई है।

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