पीएमके संस्थापक रामदास ने अपने बेटे अंबुमणि पर जासूसी करने का आरोप लगाया

पीएमके संस्थापक रामदास ने अपने बेटे अंबुमणि पर जासूसी करने का आरोप लगाया

पीएमके संस्थापक रामदास ने अपने बेटे अंबुमणि पर जासूसी करने का आरोप लगाया
Modified Date: August 2, 2025 / 10:22 pm IST
Published Date: August 2, 2025 10:22 pm IST

विल्लुपुरम, दो अगस्त (भाषा) पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक नेता एस. रामदास ने शनिवार को आरोप लगाया कि उनके बेटे अंबुमणि ने उनकी जासूसी की।

अपने बेटे के साथ विवाद की पृष्ठभूमि में रामदास अपने आवास पर संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘क्या इस दुनिया में ऐसा कोई बेटा है जो अपने पिता की जासूसी करता हो? हां, मेरी जासूसी की गई है।’’

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यह पूछे जाने पर कि क्या यह आरोप लगाना सही होगा कि अंबुमणि ने ही जासूसी उपकरण लगाया था, जबकि पुलिस जांच अभी भी जारी है, इस पर रामदास ने प्रतिप्रश्न करते हुए कहा, ‘‘और कौन इसे (जासूसी उपकरण को) लगा सकता है?’’

उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटे अंबुमणि ने ही उनके घर पर जासूसी उपकरण लगाया था। रामदास ने कहा कि उन्होंने किलियानूर पुलिस (विल्लुपुरम जिला) और साइबर अपराध शाखा में भी शिकायत दर्ज कराई है। जासूसी उपकरण और उसके कलपुर्जे पुलिस को सौंप दिए गए हैं।

इसके अलावा, उन्होंने एक विशेष निजी एजेंसी की सेवाएं भी मांगी थीं, जो इस मामले की जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद एजेंसी उन्हें अपनी रिपोर्ट देगी।

उन्होंने कहा, ‘‘निजी एजेंसी की सेवाएं केवल पुलिस की मदद के लिए हैं।’’

पीएमके के शीर्ष नेता ने कहा कि पुत्र को अपने पिता से आगे नहीं निकलना चाहिए और इस संबंध में उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गंगईकोंडा चोलपुरम में दिए गए भाषण का हवाला दिया।

मोदी ने 27 जुलाई को कहा था कि सम्राट राजेंद्र चोल ने अपने पिता राजराजा चोल के प्रति गहरे सम्मान के कारण गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर का गोपुरम, तंजावुर स्थित अपने पिता के बृहदेश्वर मंदिर के गोपुरम से छोटा बनवाया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि अपनी उपलब्धियों के बावजूद, राजेंद्र चोल विनम्रता के प्रतीक थे।

अप्रैल में रामदास ने अपने बेटे अंबुमणि को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाकर उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था। रामदास ने कहा था कि वे स्वयं पार्टी के अध्यक्ष रहेंगे।

पिता और पुत्र के बीच पार्टी संचालन को लेकर मतभेद दिसंबर 2024 में सार्वजनिक रूप से सामने आए थे।

भाषा खारी पवनेश

पवनेश


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