पीएमएलए मामला: अदालत ने सेंथिल बालाजी के खिलाफ आरोप तय किए, पूर्व मंत्री ने खुद को निर्दोष बताया
पीएमएलए मामला: अदालत ने सेंथिल बालाजी के खिलाफ आरोप तय किए, पूर्व मंत्री ने खुद को निर्दोष बताया
चेन्नई, आठ अगस्त (भाषा) तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ धनशोधन मामले में एक सत्र अदालत ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत बृहस्पतिवार को आरोप तय किए।
बालाजी को पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था।
प्राधिकारियों ने प्रधान सत्र न्यायाधीश एस अली के समक्ष सेंथिल बालाजी को पेश किया। न्यायाधीश ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा तीन के तहत उनके खिलाफ आरोप तय किए, जो अधिनियम की धारा चार के तहत दंडनीय है। न्यायाधीश ने पूर्व मंत्री को आरोप पढ़कर सुनाए।
जब न्यायाधीश ने सेंथिल बालाजी से पूछा कि वह दोषी हैं या नहीं, तो उन्होंने स्वयं को निर्दोष बताया।
इससे पहले, न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष का मामला पढ़ा, जिसमें उस समय हुए कथित नौकरी भर्ती घोटाले से संबंधित लेन-देन शामिल हैं, जब बालाजी पूर्ववर्ती अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार के दौरान परिवहन मंत्री थे। इसमें नौकरी देने के लिए नकद प्राप्त करना, इसे बैंकों में जमा करना और संपत्ति खरीदने के आरोप भी शामिल हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष के अनुसार, अभियुक्त ने अपराध से जानबूझकर आय अर्जित की। इस कारण पीएमएलए की धारा तीन और चार के तहत अपराध की धाराएं लगाई गईं।
आरोप तय होने के बाद बालाजी ने न्यायाधीश से कहा कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हैं और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध के कारण शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि वह गवाहों से जिरह करना चाहते हैं।
लेकिन न्यायाधीश ने कहा कि वह आरोप तय करने की कार्यवाही में उनके बयान दर्ज नहीं कर सकतीं।
अदालत ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के वरिष्ठ नेता बालाजी की हिरासत अवधि 16 अगस्त तक बढ़ा दी।
न्यायाधीश ने उस दिन पूछताछ के लिए तीन गवाहों को समन जारी करने का भी आदेश दिया। बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय ने 14 जून 2023 को गिरफ्तार किया था। केंद्रीय एजेंसी ने पिछले साल अगस्त में उनके खिलाफ 3000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था।
बालाजी की कई जमानत याचिकाएं अदालतों द्वारा खारिज कर दी गई हैं।
भाषा सिम्मी सुरेश
सुरेश

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