अनुसूचित जनजाति नामों की सूची में संशोधन की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री का आभार : खांडू

अनुसूचित जनजाति नामों की सूची में संशोधन की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री का आभार : खांडू

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  • Publish Date - July 15, 2021 / 09:30 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

ईटानगर, 15 जुलाई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने राज्य की अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के नामों की सूची में संशोधन को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को मिश्मी, इदु, और तरांव के स्थान पर मोनपा, सजोलांग (मिजी), सारतांग, ताई खमाती, मिश्मी-कमन (मिजु मिश्मी), इदु (मिश्मी) को व नोक्ते, तंग्सा, तुत्सा और वांचू के स्थान पर ‘किसी भी नगा जनजाति को संविधान की अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने का फैसला किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने संसद के मानसून सत्र में संविधान (एसटी) आदेश (संशोधन) विधेयक 2021 लाने का फैसला किया। इसके अनुसार खामप्ति जनजाति के स्थान पर ताई खामती दर्ज किया जाएगा जबकि मिश्मी कमान (मिजू मिश्मी), इदु (मिश्मी) और तरावं (दिगारु मिश्मी) को सूची में शामिल किया जाएगा। मोम्बा नाम के स्थान पर मोनपा, मेम्बा, सरतांग और सजोलांग का नाम सूची में शामिल किया जाएगा।

खांडू ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘मंत्रिमंडल का ऐतिहासिक फैसला। अरुणाचल प्रदेश की विभिन्न जनजातियों के स्थानीय नाम को संविधान की अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया जाएगा। इन जनजातियों के वास्तविक नाम दर्ज करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी धन्यवाद, पहले इनका गलत नाम से उल्लेख किया जाता था।’’

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सियांग जिले में पासीघाट स्थित नार्थ ईस्टर्न इंस्टिट्यूट ऑफ फोक मेडिसिन (एनईआईएफएम) का नाम भी बदलकर नार्थ ईस्टर्न इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद एंड फोक मेडिसिन रिचर्स (एनईआईएआरएमआर) करने का फैसला किया है, जहां आयुर्वेद और स्थानीय चिकित्सा पद्धति की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाएगी।

खांडू ने इस फैसले के लिए भी प्रधानमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि इससे आयुर्वेद अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा तथा विदेशी छात्र भी आकर्षित होंगे।

केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजीजु ने भी इन ऐतिहासिक फैसलों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद ज्ञापित किया। वह स्वयं लोकसभा में अरुणाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के 74 साल के बाद अंतत: इन समुदायों को न्याय मिला।’’

भाषा धीरज नेत्रपाल

नेत्रपाल