कोलकाता में प्रदर्शकारियों पर पुलिस कार्रवाई ‘तुष्टीकरण की राजनीति की पराकाष्ठा’ : भाजपा

कोलकाता में प्रदर्शकारियों पर पुलिस कार्रवाई ‘तुष्टीकरण की राजनीति की पराकाष्ठा’ : भाजपा

कोलकाता में प्रदर्शकारियों पर पुलिस कार्रवाई ‘तुष्टीकरण की राजनीति की पराकाष्ठा’ : भाजपा
Modified Date: December 24, 2025 / 08:19 pm IST
Published Date: December 24, 2025 8:19 pm IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हुए हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ कोलकाता पुलिस की कार्रवाई की बुधवार को कड़ी निंदा की।

पार्टी ने इसे पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार की ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति की पराकाष्ठा’’ करार दिया।

केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर उनकी चुप्पी बांग्लादेश की सड़कों पर हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ हत्या के प्रति उनकी ‘‘मौन सहमति’’ को दर्शाती है।

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भाजपा की यह प्रतिक्रिया मंगलवार को कोलकाता में बांग्लादेश के उप उच्चायोग की तरफ मार्च कर रहे एक हिंदुत्ववादी संगठन के सैकड़ों समर्थकों की पुलिस के साथ हुई झड़प के एक दिन बाद आई है।

कोलकाता के मध्य में स्थित बेकबागन में बांग्लादेश के उप उच्चायोग कार्यालय के करीब पहुंचने के प्रयास में प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक तोड़ दिए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। इस दौरान कम से कम 12 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। झड़पों में कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने पुलिस कार्रवाई को लेकर ममता सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बांग्लादेश में एक हिंदू मजदूर की हत्या के विरोध में दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हुए, लेकिन केवल पश्चिम बंगाल में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया।

भंडारी ने यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस ने ‘‘हमारे साधुओं और संतों’’ को भी नहीं बख्शा।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पश्चिम बंगाल में ‘बाबरी मस्जिद’ की नींव रखने में सहयोग देने वाली पुलिस ने बांग्लादेश में एक हिंदू की बर्बर हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं को लाठियों से पीटा। यह तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है।’’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह पश्चिम बंगाल में उभरता सबसे बड़ा सांप्रदायिक मॉडल है, क्योंकि ममता बनर्जी ने अपनी सरकार कट्टरपंथियों के हवाले कर दी है।’’

भंडारी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की चुप्पी पर सवाल उठाए।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ममता सरकार अपने ‘वोट बैंक’ को खुश करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का सहारा लेती है, जबकि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बांग्लादेश में एक हिंदू की भीड़ द्वारा की गई हत्या को ‘क्रिया-प्रतिक्रिया’ कहकर उचित ठहराते हैं और राहुल गांधी जर्मनी में चुप्पी साधे रहते हैं।’’

भंडारी ने कहा, ‘‘पूरा विपक्ष हिंदुओं से नफरत करता है। यही कारण है कि उन्होंने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।’’

भाषा धीरज पारुल

पारुल


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