जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने कश्मीरी पंडित और डोगरा कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया |

जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने कश्मीरी पंडित और डोगरा कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया

जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने कश्मीरी पंडित और डोगरा कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया

:   Modified Date:  December 26, 2022 / 05:16 PM IST, Published Date : December 26, 2022/5:16 pm IST

जम्मू, 26 दिसंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत सभी प्रमुख दल कश्मीरी पंडितों और डोगरा कर्मचारियों के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्याओं के मद्देनजर कश्मीर से ”दूसरी जगह बसाने” व स्थानांतरण नीति की कश्मीरी पंडितों की मांगों का समर्थन किया है।

नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), आम आदमी पार्टी (आप), अपनी पार्टी और अन्य ने पिछले आठ महीने से धरने पर बैठे कर्मचारियों से “सौतेले व्यवहार और नौकरशाही की उदासीनता” को लेकर केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की आलोचना की।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की इस हालिया टिप्पणी पर इन दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की कि आरक्षित श्रेणी (डोगरा) के कर्मचारियों को जम्मू में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है और जो (कश्मीरी पंडित कर्मचारी) घर बैठे हैं उन्हें वेतन नहीं मिलेगा।

कांग्रेस के नेता हीरा लाल पंडिता ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के अगले महीने जम्मू-कश्मीर पहुंचने पर पार्टी इसे मुख्य मुद्दा बनाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने की भी योजना है।

कर्मचारियों की मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। अगर आप कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते तो उन्हें बलि का बकरा न बनाएं। कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को घाटी में वापस लौटने और ड्यूटी पर लौटने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।”

जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”हम यह दोहराते हैं कि हम उनकी मांगों का समर्थन करते हैं। हम कश्मीरी पंडितों और आरक्षित श्रेणी (डोगरा) के कर्मचारियों के साथ मजबूती से खड़े हैं।”

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि कश्मीरी पंडितों के कर्मचारियों को ड्यूटी पर लौटने का अल्टीमेटम देने के बजाय जम्मू-कश्मीर प्रशासन को घाटी में हालिया लक्षित हत्याओं को ध्यान में रखते हुए बीच का रास्ता निकालना चाहिए।

मुफ्ती ने कहा, “प्रशासन को उनकी समस्याओं को जानने और उन्हें हल करने की कोशिश करनी चाहिए। काम पर न लौटने पर वेतन रोकने की चेतावनी देना गलत है।”

आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल और केंद्र की भाजपा सरकार से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने को कहा। पार्टी के वरिष्ठ नेता एम. के. योगी ने कहा कि ’आप’ ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास और कर्मचारियों की विशेष पैकेज की मांगों का भी समर्थन किया है।

भाषा जोहेब नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)