मुर्गे-मुर्गियों पर पड़ रहा बढ़ते तापमान का असर, देखिए खास रिपोर्ट
मुर्गे-मुर्गियों पर पड़ रहा बढ़ते तापमान का असर, देखिए खास रिपोर्ट
हम और आप रोजमर्रा की जिंदगी में अक्सर तनाव महसूस करते हैं. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि जानवर और पक्षी भी तनाव में रहते हैं जी हां सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगेगा लेकिन यह सच है बदलते परिवेश और बढ़ते तापमान में आज मुर्गे और मुर्गियां भी तनाव में है जिसका असर अंडे और उनके मांस पर सीधा पड़ रहा है, देखिए हमारी इस रिपोर्ट में.
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जबलपुर के वेटनरी विश्व विद्यालय में हुए एक रिसर्च में ये सामने आई है कि बढ़ते तापमान के चलते मुर्गे और मुर्गियों में तनाव के हालात बढ़ रहे है. जिससे उनकी प्रजाति पर खतरा मंडराने लगा है. इतना ही नहीं बढ़ते तनाव के चलते जहां मुर्गी कम अंडे देने लगी है,तो वहीं मुर्गे के मांस में पौष्टिकता की कमी आने लगी है. शोधकर्ता के मुताबिक सामान्य हालत में 35 सप्ताह में मुर्गे का वजन 2 किलो का हो जाता है,जो वर्तमान में 42 सप्ताह तक का समय ले रहा है, इसी तरह सामान्य स्थिति में मुर्गी 18 सप्ताह में अंडा देना शुरु कर देती है, अब 20 से 22 सप्ताह लग रहे है,अंडा पहले की तुलना में छोटा हुआ है और अंडें में कैल्शियम और प्रोटीन की भी कमी आई है. शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि मुर्गे के मांस का रंग बदल गया है.

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डॉ आदित्य ने इस शोध को बेहद सूक्ष्म स्तर पर शुरू किया डॉक्टर आदित्य ने बताया कि मुर्गी और मुर्गे में उन्होंने अपना शोध कोशिकाओं के स्तर से शुरू किया। जिसमे पाया गया कि मुर्गी के जीन में मौजूद हिट साक प्रोटीन जो 70 होना चाहिए था, वह डेढ़ गुना बढ़ गया है। शोधकर्ताओं ने मुर्गी के अंडे देने की स्थिति मुर्गियों की कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तन मुर्गी के लीवर किडनी हार्ट और व्यवहार पर अध्ययन किया. जिससे मुर्गे ओर मुर्गियों में तनाव को लेकर ये जानकारी सामने आई.
अभिषेक शर्मा, IBC24 जबलपुर

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