Gyanvapi Mosque : नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद का मामला अब देश के दूसरे राज्यों तक पहुंच गया। आज से ज्ञानवापी मस्जिद की सुनवाई जिला जज वाराणसी में होगी। अदालत में चल रहे इस मामले के बीच गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया है। सीएम प्रमोद ने रविवार को कहा कि अतीत में तोड़े गए सभी मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
दरअसल, ज्ञानवापी मामले को देखते हुए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बयान दिया है कि उन्होंने अपने राज्य में पुर्तगालियों द्वारा नष्ट किये गए मंदिरों के जीर्णोद्वार के लिए बजट का आवंटन तैयार किया है। सीएम प्रमोद सावंत के इस बयान के बाद से सियासत और गरमा गई है। सीएम सावंत ने कहा कि गोवा सरकार राज्य में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने प्रयास कर रही है।
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इसके साथ ही राज्यों लोगों को गोवा के मंदिरों में आने के लिए कर रही है। प्रमोद सावंत ने कहा कि “पुर्तगाली शासन के 450 वर्षों में, हिंदू संस्कृति का विनाश हुआ और कई लोगों का धर्मांतरण हुआ। राज्य के मंदिरों को नष्ट कर दिया गया। हम इन सबका कायाकल्प करने जा रहे हैं। इसमें गलत क्या है?”
Gyanvapi Mosque : इसके बाद सीएम सावंत ने कहा कि राज्य सरकार गोवा में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त काम कर रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि गोवा पर्यटकों के लिए फर्स्ट चॉइस है। गोवा के हर गांव में एक-दो मंदिर हैं। हमारा मकसद उन्हें समुद्र तट से मंदिर तक ले जाना है। इसलिए गोवा सरकार सांस्कृतिक पर्यटन पर ज्यादा जोर दे रही है।
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मुख्तमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि “मेरा मानना है कि जहां भी मंदिर नष्ट हालत में हैं, उनका पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए। यह मेरी दृढ़ राय है। हमारी सरकार ने पहले ही मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए फंड का बजट तैयार कर लिया था।” इसके अलावा सीएम ने समान नागरिक संहिता को लेकर कहा कि, “मैं गर्व से कहता हूं कि गोवा अपनी आजादी के बाद से समान नागरिक संहिता का पालन कर रहा है। मेरा मानना है कि अन्य सभी राज्यों को यूसीसी का पालन करना चाहिए। हमने अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ भी गोवा यूसीसी पर चर्चा की है।”
इतना ही नहीं सावंत ने राज्य की आजादी पर सवाल उठाया और कहा कि “मैं पूछना चाहता हूं कि इस 14 साल की देरी के लिए कौन जिम्मेदार है। इस पर खुले मंच पर चर्चा होनी चाहिए। देश भर के लोगों ने गोवा की मुक्ति के लिए संघर्ष किया और उन्हें पुर्तगालियों से गोलियां खानी पड़ीं। उस पर भी चर्चा होनी चाहिए।” बता दें भारत 1947 में आजाद हो गया था जबकि गोवा को 1961 में आजादी मिली।
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