प्रयागराज: मुठभेड़ में मारे गए असद और गुलाम के शवों को दफनाया गया

प्रयागराज: मुठभेड़ में मारे गए असद और गुलाम के शवों को दफनाया गया

प्रयागराज: मुठभेड़ में मारे गए असद और गुलाम के शवों को दफनाया गया
Modified Date: April 15, 2023 / 01:39 pm IST
Published Date: April 15, 2023 1:39 pm IST

(तस्वीरों के साथ जारी)

प्रयागराज (उप्र), 15 अप्रैल (भाषा) गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद का शव शनिवार सुबह यहां कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफनाया गया, जबकि उसके साथी गुलाम का शव शिवकुटी स्थित कब्रिस्तान में दफन किया गया।

बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल के हत्याकांड के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में ताबड़तोड़ गोलियां चला कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में वांछित अभियुक्त असद अहमद और गुलाम बृहस्पतिवार को झांसी में विशेष कार्य बल के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए थे। यह घटना उस समय हुई थी, जब अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज की एक अदालत में पेशी हो रही थी।

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कब्रिस्तान में अतीक अहमद के रिश्तेदारों और परिचितों को ही दाखिल होने दिया गया और मीडियाकर्मियों को भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई। असद का शव लेकर एंबुलेंस भारी सुरक्षा के बीच सुबह करीब नौ बजे कब्रिस्तान पहुंची। एंबुलेंस में शव के साथ असद का फूफा उस्मान था।

कसारी मसारी कब्रिस्तान में शव को दफनाने की प्रक्रिया करीब एक घंटे चली। इस दौरान अतीक अहमद और उसके परिवार का कोई करीबी सदस्य नजर नहीं आया। कब्रिस्तान के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी।

संयुक्त पुलिस आयुक्त आकाश कुलहरी ने बताया कि अतीक के दूर के कुछ रिश्तेदारों और उसके मोहल्ले के लोगों को कब्रिस्तान में जाने दिया गया।

कुलहरी ने बताया कि गुलाम का शव शिवकुटी थाना अंतर्गत कब्रिस्तान में दफनाया गया।

असद के शव को दफनाए जाने के बाद कब्रिस्तान से बाहर आए उसके एक रिश्तेदार हामिद अली ने संवाददाताओं को बताया कि जनाजे में उसके फूफा के अलावा कोई करीबी रिश्तेदार शामिल नहीं हुआ।

उसने बताया कि जनाजे में करीब 100 लोग शामिल हुए और कब्रिस्तान में आने से किसी भी रिश्तेदार और परिचित को रोका नहीं गया।

उल्लेखनीय है कि यहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उमेश पाल हत्याकांड में नामजद आरोपी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को बृहस्पतिवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। अतीक अहमद ने अपने बेटे के जनाजे में शामिल होने के लिए शुक्रवार को अपने वकील के माध्यम से मजिस्ट्रेट के पास एक प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर शनिवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में निर्णय लिया जाना था, लेकिन अदालती कार्यवाही से पहले ही शव को दफनाने की प्रक्रिया पूरी हो गई।

असद, अतीक अहमद के पांच बेटों में तीसरे नंबर का बेटा था और उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही फरार था। अतीक का सबसे बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में निरुद्ध है, जबकि उसका उमर से छोटा बेटा अली नैनी सेंट्रल जेल में निरुद्ध है। वहीं चौथे नंबर का बेटा अहजम और सबसे छोटा बेटा अबान प्रयागराज के बाल सुधार गृह में हैं।

उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और उसके भाई अशरफ अहमद की पत्नी जैनब भी फरार है इसलिए असद के अंतिम संस्कार में अतीक के परिवार का कोई सदस्य शामिल नहीं हो पाया।

कसारी मसारी कब्रिस्तान में असद की कब्र खोदने वाले जानू खान ने बताया कि अतीक अहमद की मां और उसके पिता की कब्र के पास असद की कब्र खोदी गई है।

भाषा राजेंद्र सिम्मी

सिम्मी


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