राष्ट्रपति मुर्मू ने पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर पर यात्रा की

राष्ट्रपति मुर्मू ने पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर पर यात्रा की

राष्ट्रपति मुर्मू ने पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर पर यात्रा की
Modified Date: December 28, 2025 / 06:48 pm IST
Published Date: December 28, 2025 6:48 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना की अग्रिम पंक्ति की पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर पर सवार होकर यात्रा की।

मुर्मू पनडुब्बी पर सवार होकर यात्रा करने वाली देश की दूसरी राष्ट्रपति हैं। इससे पहले फरवरी 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस सिंधु रक्षक से समुद्री यात्रा की थी।

 ⁠

अधिकारियों ने बताया कि कर्नाटक के कारवार नौसैनिक अड्डे से कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी पर राष्ट्रपति के सवार होने के दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी भी उनके साथ मौजूद थे।

मुर्मू ने नौसेना की वर्दी पहनकर पनडुब्बी में प्रवेश करने से पहले नौसेना कर्मियों को हाथ हिलाकर अभिवादन किया। उन्होंने आईएनएस वाघशीर के चालक दल से बातचीत की और उनकी समर्पण भावना की सराहना की, साथ ही देशी पनडुब्बी को भारतीय नौसेना की पेशेवर उत्कृष्टता और युद्ध तैयारियों का चमकता उदाहरण बताया।

राष्ट्रपति सचिवालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कारवार नौसेना अड्डे पर भारतीय नौसेना की स्वदेशी कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर में सवार हुईं।’’

इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति को भारत की समुद्री रणनीति में पनडुब्बी शाखा की भूमिका, परिचालन क्षमताओं और राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा में इसके योगदान के बारे में जानकारी दी गई।

सचिवालय के मुताबिक, आईएनएस वाघशीर के चालक दल के साथ संवाद के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने उनके समर्पण, प्रतिबद्धता और नि:स्वार्थ सेवा की भावना की सराहना की।

सचिवालय ने सोशल मीडिया मंच पर जारी पोस्ट में बताया, ‘‘राष्ट्रपति ने कहा कि यह स्वदेशी पनडुब्बी भारतीय नौसेना की व्यावसायिक उत्कृष्टता, युद्ध की तैयारी और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का एक शानदार उदाहरण है।’’

पी75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी, आईएनएस वाघशीर को इस साल जनवरी में नौसेना में शामिल किया गया था।

नौसेना अधिकारियों के मुताबिक यह दुनिया की सबसे शांत और बहु-उद्देशीय डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक है।

इसे कई तरह के मिशन को अंजाम देने के लिए तैयार किया गया है, जिनमें सतह पर मौजूद दुश्मन से लड़ाई, पनडुब्बी-रोधी अभियान, खुफिया जानकारी जुटाना, क्षेत्र की निगरानी और विशेष अभियान शामिल हैं।

यह ‘वायर-गाइडेड टॉरपीडो’, पोत-रोधी मिसाइलों और उन्नत सोनार प्रणालियों से लैस है। यह पनडुब्बी मॉड्यूलर निर्माण तकनीक पर आधारित है, जिससे भविष्य में इसे एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) तकनीक जैसी प्रौद्योगकियों से एकीकृत करने की सहूलियत मिलती है।

भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के दीर्घकालिक सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए कारवार नौसेना अड्डे को विकसित कर रही है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने इस साल के अक्टूबर में अंबाला स्थित भारतीय वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। इसी के साथ वह भारतीय वायुसेना के दो अलग-अलग लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति बनीं। इससे पहले, उन्होंने अप्रैल 2023 में असम के तेजपुर से सुखोई 30 एमकेआई में उड़ान भरी थी।

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश


लेखक के बारे में