President’s rules in India: भारत के इन राज्यों ने नहीं देखा राष्ट्रपति शासन.. जानें किस प्रधानमंत्री के काल में कितनी बार लागू हुई देश-राज्यों में अनुच्छेद 356..

भारत में अब तक कई बार इस प्रावधान का उपयोग किया गया है, लेकिन इसके दुरुपयोग को लेकर हमेशा राजनीतिक बहस बनी रही है। मणिपुर में हालिया घटनाक्रम एक बार फिर इस विषय पर चर्चा को तेज कर सकता है।

President’s rules in India: भारत के इन राज्यों ने नहीं देखा राष्ट्रपति शासन.. जानें किस प्रधानमंत्री के काल में कितनी बार लागू हुई देश-राज्यों में अनुच्छेद 356..

President's rules in India | Image- Live Law Hindi

Modified Date: February 14, 2025 / 09:35 pm IST
Published Date: February 14, 2025 8:49 pm IST
HIGHLIGHTS
  • मणिपुर में 11वीं बार राष्ट्रपति शासन लागू, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा
  • भारत में राष्ट्रपति शासन का इतिहास: जम्मू-कश्मीर 12 वर्ष, पंजाब 10 वर्ष के अधीन रहा
  • संवैधानिक तंत्र विफल होने पर लागू होता है अनुच्छेद 356, अधिकतम तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता

President’s rules in India and States full Record: नई दिल्ली: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। उन्होंने 9 फरवरी 2025 को अपने पद से इस्तीफा दिया, जिसके बाद राज्यपाल अजय भल्ला ने केंद्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश भेजी। इस सिफारिश के बाद विधानसभा को भी निलंबित कर दिया गया।

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भारत में राष्ट्रपति शासन का इतिहास

भारत के इतिहास में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने को लेकर कई बार राजनीतिक बहस छिड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने एक भाषण के दौरान कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कई बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा था कि इंदिरा गांधी के शासनकाल में राष्ट्रपति शासन सबसे अधिक बार लगाया गया था, जो कुल 51 बार था। अन्य प्रधानमंत्रियों में नरसिम्हा राव ने 11 बार, मनमोहन सिंह ने 12 बार, नरेंद्र मोदी ने 10 बार और अटल बिहारी वाजपेयी ने 5 बार इस प्रावधान का उपयोग किया।

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President’s rules in India and States full Record: कुछ राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने का रिकॉर्ड अधिक रहा है। मणिपुर में अब तक 11 बार, उत्तर प्रदेश में 10 बार, जबकि पंजाब और जम्मू-कश्मीर में 9-9 बार राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है। जम्मू-कश्मीर ने सबसे अधिक समय तक राष्ट्रपति शासन के अधीन रहकर लगभग 12 वर्ष (4668 दिन) बिताए हैं। इसके बाद पंजाब (10 वर्ष, 3878 दिन) और पुडुचेरी (2739 दिन, लगभग 7 वर्ष) का स्थान आता है।

अनुच्छेद 356 क्या है?

अनुच्छेद 356, जिसे आमतौर पर राष्ट्रपति शासन कहा जाता है, तब लागू किया जाता है जब किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता हो जाती है। इसका निर्णय राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर किया जाता है।

President’s rules in India and States full Record: राष्ट्रपति शासन आमतौर पर छह महीने के लिए लागू किया जाता है, लेकिन यदि परिस्थितियाँ सामान्य न हों तो इसे अधिकतम तीन वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है। इस दौरान राज्य की सभी प्रशासनिक शक्तियाँ केंद्र सरकार के अधीन आ जाती हैं, और राष्ट्रपति राज्य की कार्यकारी शक्ति को सीधे नियंत्रित करते हैं। हालांकि, वे मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही कार्य करते हैं।

किन परिस्थितियों में लागू होता है राष्ट्रपति शासन?

राष्ट्रपति शासन लागू करने के मुख्यतः दो आधार होते हैं:

संवैधानिक तंत्र की विफलता: यदि राज्यपाल यह रिपोर्ट करता है कि राज्य सरकार संविधान के अनुसार कार्य नहीं कर रही है, तो राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

केंद्र सरकार के निर्देशों की अवहेलना: यदि कोई राज्य केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है, तो अनुच्छेद 365 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

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President’s rules in India and States full Record: भारत में अब तक कई बार इस प्रावधान का उपयोग किया गया है, लेकिन इसके दुरुपयोग को लेकर हमेशा राजनीतिक बहस बनी रही है। मणिपुर में हालिया घटनाक्रम एक बार फिर इस विषय पर चर्चा को तेज कर सकता है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown