सभी समूहों के बीच मैत्री को बढ़ावा दें : भागवत ने संघ के स्वयंसेवकों से कहा

सभी समूहों के बीच मैत्री को बढ़ावा दें : भागवत ने संघ के स्वयंसेवकों से कहा

सभी समूहों के बीच मैत्री को बढ़ावा दें : भागवत ने संघ के स्वयंसेवकों से कहा
Modified Date: February 23, 2025 / 07:55 pm IST
Published Date: February 23, 2025 7:55 pm IST

गुवाहाटी, 23 फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को संगठन के सभी स्वयंसेवकों से जाति, पंथ, क्षेत्र और भाषा से परे विभिन्न समूहों के बीच मैत्री बढ़ाने की अपील की।

यहां एक बौद्धिक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए भागवत ने कहा कि स्वयंसेवक समाज के कल्याण के लिए उत्प्रेरक का काम करते हैं।

संघ ने एक बयान में कहा, “भागवत ने स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि वे समाज के विभिन्न वर्गों के बीच मैत्री को बढ़ावा दें, चाहे उनकी जाति, पंथ, क्षेत्र या भाषा कुछ भी हो।”

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संगठन के सरसंघचालक भागवत ने यह भी कहा कि सभी हिंदुओं को आपसी सम्मान और सहयोग की भावना से विभिन्न उपयोगों के लिए समान मंदिर, श्मशान और जल का इस्तेमाल करना चाहिए।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज में विभिन्न जातीय समूहों के बीच सतत सांप्रदायिक सद्भाव और रिश्तेदारों एवं कुलों के बीच सद्भावना ही राष्ट्र को सकारात्मक दिशा तथा परिणाम की ओर ले जाएगी।

बयान में यह भी कहा गया कि भागवत ने इस बात पर जोर दिया कि पूरे समाज को पर्यावरण की रक्षा के लिए जल संरक्षण, पौधे लगाने और प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग न करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा, “प्रत्येक भारतीय को भोजन, आवास, यात्रा और यहां तक ​​कि अपनी अभिव्यक्ति के अनुरूप भाषा का प्रयोग करना चाहिए। सभी को अपने दैनिक कार्यों में विदेशी भाषाओं का उपयोग करने के बजाय मातृभाषा में बातचीत करनी चाहिए।”

संघ प्रमुख ने दोहराया कि नागरिकों को पारंपरिक सामाजिक मानदंडों का पालन करना चाहिए, भले ही कानूनी दृष्टिकोण से ऐसे सभी नियमों को कानून नहीं कहा जा सकता है।

भागवत शुक्रवार को छह दिवसीय दौरे पर गुवाहाटी पहुंचे, जहां वह सदस्यों से बातचीत करेंगे और संगठन को और मजबूत बनाने पर विचार-विमर्श करेंगे। यह यात्रा देश के विभिन्न क्षेत्रों के उनके दौरे का हिस्सा है, जो संगठन के शताब्दी वर्ष के अवसर पर हो रही है।

भाषा प्रशांत पारुल

पारुल


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