Protest against New Waqf law: यहां वक़्फ़ बिल के नाम पर बेकाबू हुई भीड़.. फूंक दिया BJP के अल्पसंख्यक विंग के नेता का घर

केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई नई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन और विरोध सभाएं जारी हैं।

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  • Publish Date - April 7, 2025 / 02:28 PM IST,
    Updated On - April 7, 2025 / 02:31 PM IST

Protest against New Waqf law || Image- Sachin Gupta File

HIGHLIGHTS
  • मणिपुर में वक्फ कानून विरोध में भाजपा नेता का घर जला।
  • विपक्षी दलों ने वक्फ संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
  • वक्फ संपत्तियों पर अधिकार घटाने से देशभर में विरोध तेज।

Protest against New Waqf law : नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा संसद से पारित किए गए वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध तेज हो गया है। मणिपुर में इस विरोध ने उग्र रूप ले लिया, जहां भीड़ ने वक्फ कानून के समर्थन का आरोप लगाते हुए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष असगर अली के घर में आग लगा दी।

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घटना के बाद असगर अली ने केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की अपील की है। बताया जा रहा है कि इस हमले के पीछे असगर अली द्वारा कानून का समर्थन करने को वजह बताया जा रहा है।

Protest against New Waqf law : इस कानून के तहत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण से जुड़ी व्यवस्थाओं में बदलाव किए गए हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड की कुछ पारंपरिक शक्तियां खत्म हो जाएंगी, और इससे कई समुदायों को नुकसान होगा।

विपक्षी दलों का विरोध

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ राजनीतिक मोर्चा भी लगातार तेज होता जा रहा है। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद पहले ही 4 अप्रैल को इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुके हैं। इसी तरह AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी इस मुद्दे पर अदालत का दरवाजा खटखटा चुके हैं। वही अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता मनोज झा और फैयाज अहमद भी सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने जा रहे हैं।

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

Protest against New Waqf law : कानून विशेषज्ञों का मानना है कि इस संशोधित कानून का असर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित कई ऐतिहासिक स्थलों पर पड़ सकता है।
नए कानून के अनुसार, इन स्मारकों पर वक्फ बोर्ड के स्वामित्व या अधिकार का दावा मान्य नहीं होगा, जिससे बोर्ड की भूमिका सीमित हो सकती है।

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फिलहाल, केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई नई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन और विरोध सभाएं जारी हैं।

1. वक्फ संशोधन कानून 2025 क्या है?

वक्फ संशोधन कानून 2025 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण से जुड़ी मौजूदा व्यवस्थाओं में बदलाव करता है। इसके तहत वक्फ बोर्ड की कुछ पारंपरिक शक्तियाँ सीमित कर दी गई हैं, खासकर पुरातात्विक महत्व की संपत्तियों पर अधिकार को लेकर।

2. लोग इस कानून का विरोध क्यों कर रहे हैं?

विरोध करने वालों का कहना है कि इस संशोधन से वक्फ बोर्ड की शक्तियाँ कम हो जाएंगी और कई समुदायों की धार्मिक व ऐतिहासिक संपत्तियों पर उनका अधिकार खत्म हो सकता है। इससे समुदायों की संस्कृति और विरासत को नुकसान पहुँचने की आशंका है।

3. इस कानून का सबसे अधिक असर किस पर पड़ेगा?

यह कानून वक्फ बोर्डों और उनके अधीन संपत्तियों, जैसे मस्जिदें, कब्रिस्तान, दरगाहें आदि पर असर डालेगा। साथ ही, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित कुछ ऐतिहासिक स्थलों पर भी वक्फ बोर्ड का दावा अब मान्य नहीं रहेगा।

4. इस कानून को लेकर राजनीतिक दलों की क्या प्रतिक्रिया है?

कांग्रेस, AIMIM, और RJD जैसे विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया है। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। अन्य दल भी जल्द ही याचिका दाखिल करने की तैयारी में हैं।

5. क्या सरकार ने विरोधों पर कोई प्रतिक्रिया दी है?

अब तक केंद्र सरकार की ओर से इस विरोध पर कोई नई या औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन देशभर में विरोध प्रदर्शन, जनसभाएँ और याचिकाओं का सिलसिला जारी है।