निर्वाचन आयोग के सामने प्रदर्शन का मामला: अदालत ने टीएमसी नेता ओब्रायन, सागरिका, गोखले को तलब किया

निर्वाचन आयोग के सामने प्रदर्शन का मामला: अदालत ने टीएमसी नेता ओब्रायन, सागरिका, गोखले को तलब किया

निर्वाचन आयोग के सामने प्रदर्शन का मामला: अदालत ने टीएमसी नेता ओब्रायन, सागरिका, गोखले को तलब किया
Modified Date: April 21, 2025 / 07:31 pm IST
Published Date: April 21, 2025 7:31 pm IST

नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ ब्रायन, सागरिका घोष, साकेत गोखले और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों को पिछले साल अप्रैल में निषेधाज्ञा लागू रहने के बावजूद यहां निर्वाचन आयोग के मुख्य द्वार के सामने विरोध प्रदर्शन करने को लेकर तलब किया।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने तृणमूल कांग्रेस नेता शांतनु सेन, डोला सेन, नदीमुल हक, विवेक गुप्ता, अर्पिता घोष, अबीर रंजन बिश्वास और सुदीप राहा को भी 30 अप्रैल को तलब किया है।

दिल्ली पुलिस का आरोप है कि पिछले साल आठ अप्रैल को ये आरोपी निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के मुख्य द्वार के बाहर एकत्र हुए थे। उन्होंने आवश्यक अनुमति के बिना और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (एकत्र होने पर रोक) लागू रहने के बावजूद तख्तियों और बैनर के साथ विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

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पुलिस का आरोप है कि धारा 144 लागू रहने के बावजूद उन्होंने विरोध प्रदर्शन जारी रखा, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।

अदालत ने आदेश दिया, ‘‘मैंने आरोप पत्र के साथ-साथ शिकायत का भी अध्ययन किया है… मैं भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा दिये गए आदेश की अवज्ञा), 145 (अवैध रूप से एकत्र होना) और 34 (साझा इरादा रखना) के तहत दंडनीय अपराधों का संज्ञान लेती हूं। सभी आरोपियों को 30 अप्रैल 2025 को आईओ (जांच अधिकारी) के माध्यम से तलब किया जाए।’’

तृणमूल कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया था और इनके प्रमुखों को बदलने की मांग की थी।

तृणमूल के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात के बाद विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी।

पार्टी का आरोप है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां केंद्र की ​​भाजपा नीत सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों को निशाना बना रही हैं।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप


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