Operation Sindoor: भारतीय नौसेना को छेड़ना पाकिस्तान को पड़ सकता था भारी, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अरब सागर में तैनात थे ये अत्याधुनिक हथियार, मचा सकती थी जमकर तबाही
भारतीय नौसेना को छेड़ना पाकिस्तान को पड़ सकता था भारी, Provoking the Indian Navy could have cost Pakistan heavily
Operation Sindoor. Image Source-IBC24 Archive
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान INS विक्रांत, 7 विध्वंसक, 7 स्टील्थ फ्रिगेट, पनडुब्बियां और तेज हमलावर नौकाएं शामिल।
- मिग-29K और उन्नत चेतावनी प्रणालियों से लैस विमानवाहक पोत ने कराची के पास समुद्री दीवार बनाई।
नई दिल्लीः Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम जब आतंकी हमला हुआ तो भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर जवाबी कार्रवाई की। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के कई जगहों पर हमला किया। भारतीय सेना ने भी पूरी शक्ति के साथ पलटवार किया। भारत की तीनों सेनाएं एक साथ एक्टिव हुई और आतंक परस्त पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। अरब सागर सहित अन्य तटीय इलाकों में भारतीय नौसेना ने कुछ ही समय में कई हथियार तैनात कर दिए, ताकि किसी भी बड़ी अनहोनी से बचा सकें। तो चलिए जानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने अपने पश्चिमी तटों पर कौन-कौन से हथियार तैनात किए थेः-
Operation Sindoor: रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना ने कराची के निकट अरब सागर में 36 युद्धपोतों की तैनाती की, जिसमें स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत, 7 विध्वंसक, 7 फ्रिगेट, पनडुब्बियां और तेज हमलावर नौकाएं शामिल थीं। यह तैनाती भारत की समुद्री ताकत का शानदार प्रदर्शन थी, जिसने पाकिस्तान को रक्षात्मक स्थिति में धकेल दिया।
1. INS विक्रांत और कैरियर बैटल ग्रुप
INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत, इस तैनाती का केंद्रबिंदु था। 40,000 टन का यह युद्धपोत मिग-29K लड़ाकू विमान, कामोव हेलीकॉप्टर और उन्नत हवाई चेतावनी प्रणालियों से लैस है। विक्रांत के साथ 8-10 युद्धपोतों का एक समूह तैनात किया गया, जिसमें विध्वंसक, फ्रिगेट और सहायक जहाज शामिल थे। इस समूह ने अरब सागर में कराची के निकट एक अभेद्य समुद्री दीवार बनाई, जिसने पाकिस्तानी नौसेना और वायुसेना को तट पर ही सीमित कर दिया।
2. सात विध्वंसक: बहुआयामी ताकत
Operation Sindoor: भारतीय नौसेना ने सात विध्वंसक तैनात किए, जो ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (MRSAM) और वरुणास्त्र भारी टॉरपीडो से लैस थे।ये विध्वंसक समुद्री सतह, हवा और पनडुब्बी-विरोधी लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम थे।ब्रह्मोस मिसाइल, जो 450 किमी की रेंज और 2.8 मैक की गति से हमला कर सकती है। कराची बंदरगाह और अन्य रणनीतिक लक्ष्यों को तुरंत नष्ट करने की क्षमता रखती थी।
3.सात स्टील्थ फ्रिगेट: चपलता और शक्ति
सात स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट, जिनमें हाल ही में शामिल INS तुशिल भी तैनात की गईं।ये फ्रिगेट उन्नत रडार, मिसाइल प्रणालियों और स्टील्थ तकनीक से लैस थीं, जो हवाई और समुद्री खतरों का प्रभावी ढंग से सामना कर सकती थीं।इन फ्रिगेट्स ने पश्चिमी तट के साथ एक रक्षात्मक और आक्रामक समुद्री दीवार बनाई, जिसने पाकिस्तानी नौसेना को कोई जवाबी कार्रवाई करने से रोक दिया.
4.पनडुब्बियां: अदृश्य खतरा
Operation Sindoor: इस पूरे ऑपरेशन के दौरीन अनुमानित छह पनडुब्बियां, जिनमें परमाणु-संचालित INS अरिहंत और पारंपरिक स्कॉर्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियां (जैसे INS कलवारी) शामिल थीं ने अरब सागर में गुप्त रूप से संचालन किया।ये पनडुब्बियां स्टील्थ ऑपरेशन्स में माहिर थीं।पाकिस्तानी नौसेना की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ संभावित हमलों के लिए तैयार थीं.
5.तेज हमलावर नौकाएं और मिसाइल बोट
Operation Sindoor: कई तेज हमलावर नौकाएं और मिसाइल बोट भी तैनात की गईं, जो त्वरित और सटीक हमलों के लिए डिज़ाइन की गई थीं।ये छोटे लेकिन घातक जहाज कराची बंदरगाह जैसे लक्ष्यों पर तुरंत हमला करने में सक्षम थे।इनकी तैनाती ने भारतीय नौसेना की ताकत को और बढ़ाया, जिससे कुल युद्धपोतों की संख्या 36 तक पहुंच गई।
माकूल जवाब देने के लिए तैयार थी भारतीय सेना
बता दें कि पाकिस्तानी नौसेना की तुलना में भारतीय नौसेना की तैनाती कहीं अधिक प्रभावशाली थी।पाकिस्तान के पास वर्तमान में 30 से कम युद्धपोत हैं, जिनमें चार चीनी-निर्मित टाइप 054A/P फ्रिगेट, कुछ पुरानी फ्रिगेट, और सीमित पनडुब्बियां शामिल हैं.ऑपरेशन सिंदूर के दौरानपाकिस्तानी नौसेना के जहाज मुख्य रूप से कराची बंदरगाह के भीतर या तट के बहुत करीब सीमित रहे।

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