होशियारपुर/पटियाला, एक दिसंबर (भाषा) पंजाब के सरकारी सड़क परिवहन निगमों के संविदा कर्मचारियों ने परिवहन मंत्री के साथ रविवार को बैठक में हड़ताल वापस लेने पर सहमति जताने के बाद देर रात अपना आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया।
रोडवेज के संविदा कर्मचारियों ने गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए कर्मचारियों की रिहाई तथा निलंबित और बर्खास्त किए गए कर्मचारियों की बहाली की मांग करते हुए अपना आंदोलन जारी रखने की घोषणा की।
किलोमीटर-आधारित बस योजना के तहत निविदाएं जारी किए जाने के खिलाफ कर्मचारियों का राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन 28 नवंबर को शुरू हुआ था।
उन्होंने दावा किया कि यह सरकार द्वारा निजी संचालकों को अधिसूचित मार्गों पर बस संचालन की अनुमति देने का एक प्रयास है, जिससे राज्य परिवहन क्षेत्र में हजारों नौकरियों को खतरा उत्पन्न होगा।
इस योजना के तहत, निजी कंपनियां परिवहन विभाग को बसें किराए पर उपलब्ध कराती हैं और उन्हें प्रति किलोमीटर के अनुसार एक निश्चित दर से भुगतान किया जाता है।
राज्य सरकार ने कहा कि तरनतारन जिले में रविवार शाम पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के साथ छह घंटे की बैठक के बाद कर्मचारी अपनी हड़ताल खत्म करने पर सहमत हो गये थे।
हालांकि, देर रात के घटनाक्रम में रोडवेज के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनका विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि पुलिस हिरासत में मौजूद कर्मचारियों को रिहा नहीं कर दिया जाता। उन्होंने निलंबित और बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली की भी मांग की।
पंजाब रोडवेज, पंजाब स्टेट बस स्टैंड मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (पनबस), और पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (पीआरटीसी) कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के नेता रेशम सिंह गिल ने कहा कि 173 कर्मचारी पुलिस हिरासत में हैं, जिन्हें तत्काल रिहा किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री ने गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए कर्मियों को रिहा किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन इनमें से किसी को भी अभी तक रिहा नहीं किया गया है।
गिल ने कहा कि हिरासत और गिरफ्तार किए गए लोग (रिहाई के बाद )जब अपने संबंधित डिपो में पहुंच जाएंगे तो हड़ताल समाप्त कर दी जाएगी।
होशियारपुर की कर्मचारी यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदीप सिंह ने आरोप लगाया कि परिवहन मंत्री द्वारा रविवार की बैठक में दिए गए आश्वासन का सम्मान नहीं किया गया।
वहीं, पंजाब के विभिन्न भागों में लगातार चौथे दिन बस सेवा प्रभावित रही, जिससे यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
भाषा रवि कांत पवनेश
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