राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोला झूठ? TS Singh Deo का फोन हैक होने की दी थी जानकारी
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोला झूठ? TS Singh Deo का फोन हैक होने की दी थी जानकारी! Rahul Gandhi lied in press conference
Rahul Gandhi speaks on PC in iPhone hacking case
नई दिल्ली। Rahul Gandhi lied in press conference देश के कई विपक्ष नेताओं ने दावा किया है कि देर रात ‘Apple’ निर्माता की ओर से एक चेतावनी जारी की गई थी। हमलावारों ने उनके फोन को हैक किया है। जिसके बाद मंगलवार को विपक्षी नेताओं के इस दावे ने सनसनी फैला दी। कांग्रेस नेताओं- शशि थरूर, केसी वेणुगोपाल, पवन खेड़ा समेत तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं ने स्क्रीनशॉट्स शेयर किए। विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि उनके फोन निर्माता ने उन्हें वॉर्निंग मेसेज किया है। सभी ने ‘स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैक्स’ का दावा किया।
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Rahul Gandhi lied in press conference वहीं राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अडानी में है। राहुल गांधी ने फोन निर्माता कंपनी Apple की तरफ से आए एक ईमेल का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें इस बात से कतई फर्क नहीं पड़ता कि उनके फोन की टैपिंग हो रही है।
केंद्र सरकार पर बरसते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘असलियत यह है कि राजा, राजा ही नहीं है, पावर किसी और के हाथ में है। जैसे ही हम अडानी पर जाते हैं वैसे ही इंटेलिजेंस एजेंसी, जासूसी, CBI आते हैं। अभी नंबर-1 अडानी, नंबर-2 प्रधानमंत्री और नंबर-3 पर अमित शाह हैं।’ इनके अलावा जानकारी मिली कि छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव के भी फोन को हैक किया गया। बताया जा रहा है कि जिनके फोन टैप किए गए हैं उनकी लिस्ट भी मिली है।
Apple ने दिया जवाब
जिसके बाद अब Apple का बयान सामने आया है। Apple ने कहा कि “एप्पल खतरे की सूचनाओं का श्रेय किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को नहीं देता है। राज्य-प्रायोजित हमलावर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत होते हैं, और उनके हमले समय के साथ विकसित होते हैं।
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ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण और अपूर्ण होते हैं। यह संभव है कि कुछ ऐप्पल खतरे की सूचनाएं गलत अलार्म हो सकती हैं, या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है।
हम इस बारे में जानकारी प्रदान करने में असमर्थ हैं कि हमें खतरे की सूचनाएं जारी करने का क्या कारण है, क्योंकि इससे राज्य-प्रायोजित हमलावरों को पता लगाने से बचने के लिए अपने व्यवहार को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है। भविष्य”: भारत में कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा कथित तौर पर फोन पर ‘राज्य-प्रायोजित’ हमले पर एप्पल
"Apple does not attribute the threat notifications to any specific state-sponsored attacker. State-sponsored attackers are very well-funded and sophisticated, and their attacks evolve over time. Detecting such attacks relies on threat intelligence signals that are often imperfect… https://t.co/Bvmi5G1pQ4
— ANI (@ANI) October 31, 2023

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