राजस्थान उच्च न्यायालय ने पत्रकार से पूछताछ की अनुमति दी, 20 मई तक नहीं होगी गिरफ्तारी |

राजस्थान उच्च न्यायालय ने पत्रकार से पूछताछ की अनुमति दी, 20 मई तक नहीं होगी गिरफ्तारी

राजस्थान उच्च न्यायालय ने पत्रकार से पूछताछ की अनुमति दी, 20 मई तक नहीं होगी गिरफ्तारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : May 11, 2022/9:23 pm IST

जोधपुर, 11 मई (भाषा) राजस्थान उच्च न्यायालय ने पत्रकार अमन चोपड़ा को पूछताछ के लिए सोमवार को पुलिस के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है वहीं उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को मामले में 20 मई को होने वाली अगली सुनवाई तक के लिए बढ़ा दिया।

राजस्थान पुलिस ने अलवर जिले में नगर निकाय अधिकारियों द्वारा एक मंदिर को गिराए जाने के मुद्दे पर एक टीवी चैनल पर बहस की मेजबानी करने के बाद नोएडा स्थित पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने डूंगरपुर जिले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में मंगलवार को टीवी18 चैनल के एंकर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इससे पहले उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ ने राज्य के बूंदी और अलवर जिलों में उनके खिलाफ दर्ज दो मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।

न्यायमूर्ति दिनेश मेहता ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए निर्देश दिया कि पुलिस भादंसं की धारा 124 ए (राजद्रोह) के तहत पत्रकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच नहीं करेगी।

लेकिन चोपड़ा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) तथा सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

राजस्थान उच्च न्यायालय ने चोपड़ा को सोमवार को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक “जांच व पूछताछ” के लिए पुलिस के सामने पेश होने को कहा है।

आदेश में कहा गया है कि पुलिस सुनवाई की अगली तारीख (20 मई) को जांच के लिए और मौका (यदि जरूरी हो) दिए जाने के संबंध में अनुरोध करने की खातिर स्वतंत्र होगी।

अदालत ने कहा, ‘तब तक, याचिकाकर्ता को डूंगरपुर के बिछीवाड़ा थाने में दर्ज प्राथमिकी के संबंध में या 22 अप्रैल को रात 8 बजे प्रसारित कार्यक्रम ‘देश नहीं झुकेंगे देंगे’ के संबंध में दायर या दर्ज होने वाली किसी अन्य प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।”

चोपड़ा के वकील मृणाल भारती के अनुसार, हालांकि अदालत ने राजद्रोह के आरोप के लिहाज से कार्यक्रम में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया लेकिन उसने कहा कि टीवी बहस का शीर्षक ‘ठीक नहीं’ था। वकील के अनुसार न्यायाधीश ने कहा कि पत्रकारों को अपने कार्यक्रमों के लिए इस तरह के शीर्षकों से बचना चाहिए।

इससे पहले पत्रकार को गिरफ्तार करने के लिए राजस्थान की एक पुलिस टीम नोएडा गयी थी।

भाषा

अविनाश पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)