राजस्थान: नेता प्रतिपक्ष जूली ने मनरेगा का नाम बदलने के प्रस्ताव की आलोचना की
राजस्थान: नेता प्रतिपक्ष जूली ने मनरेगा का नाम बदलने के प्रस्ताव की आलोचना की
जयपुर, 16 दिसंबर (भाषा) राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मंगलवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलने के केंद्र सरकार के प्रस्तावित कदम की आलोचना की।
उन्होंने केंद्र सरकार पर गांधीवादी मूल्यों को मिटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और दावा किया कि नाम बदलना शुरू से ही मोदी सरकार का एजेंडा रहा है।
कांग्रेस नेता ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ये नाम बदलने का एजेंडा पहले से चल रहा है। इनको गांधी जी के नाम से दिक्कत है। बात करते है गांधी के आदर्शों की पर सोच है गोडसे की… इसलिए नाम बदल रहे है। भगवान राम के नाम पर इससे और बड़ी योजना हो सकती है।”
उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार फसल कटाई के सीजन में दो महीने के लिए काम नहीं देगी।
जूली ने कहा कि इस योजना में केंद्र सरकार पहले नब्बे प्रतिशत वित्तपोषण देती थी, लेकिन अब इसे काफी कम कर दिया जाएगा।
जूली के अनुसार यह एकमात्र योजना नहीं है जो प्रभावित हुई है। उन्होंने अन्य योजनाओं का हवाला दिया जिनमें केंद्र का अंशदान घटा दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘यह सरकार प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं के लिए वित्तपोषण कम कर रही है जिसका सीधा असर इन योजनाओं पर निर्भर मजदूरों पर पड़ रहा है। राजस्थान में मनरेगा के तहत कार्य दिवसों की संख्या 100 दिनों से घटकर सिर्फ 23 दिन रह गई है जो लोगों के साथ धोखा है।’
विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि कोरोना महामारी के दौरान मनरेगा से ग्रामीणों को बड़ा संबल मिला, पलायन कम हुआ और शहरी क्षेत्रों पर बोझ कम हुआ लेकिन सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त काम देने में विफल रही।
उन्होंने निर्वाचन आयोग की मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर भी निशाना साधा।
जूली ने बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की आत्महत्याओं की घटनाओं की ओर इशारा करते हुए दावा किया कि भारी काम के बोझ के कारण 30 से ज्यादा बीएलओ ने खुदकुशी कर ली है।
जूली ने कहा, ‘एसआईआर का सबसे बड़ा नुकसान गरीब, किसानों और घुमन्तु लोगों का है। उन्हें अपना वोट बचाना मुश्किल हो रहा है। आप कहते हैं कि हम घुसपैठियों पर कार्रवाई कर रहे हैं… तो बताओ कितने घुसपैठिये इसमें पकड़े?”
अरावली पर्वत श्रृंखला की ऊंचाई-आधारित नई परिभाषा पर भी उन्होंने चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार इस मुद्दे को उठा रही है और इसे लोगों तक ले जाएगी। जूली ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह नई परिभाषा का फायदा उठाकर अपने ‘मित्रों’ और नेताओं को लाभ पहुंचाने की साजिश रच रही है।
कांग्रेस नेता ने कानून-व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर राजस्थान की भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि अगस्त 2023 से जुलाई 2025 के बीच गंभीर अपराध के 39,974 मामले दर्ज किए गए, लेकिन सिर्फ़ 174 लोगों को सजा हुई जो मात्र 0.4 फीसदी है।
जूली ने कहा, ‘यह कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सरकार की पूरी तरह से नाकामी को दिखाता है।’
उन्होंने सरकार पर अपराध के आंकड़े छिपाने का भी आरोप लगाया और कहा कि अधिकारियों तक को प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए धरना देना पड़ा रहा है।
जूली ने एम्बुलेंस में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के हालिया मामले में सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया।
जूली ने भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार को निशाने पर लिया, जिसने सोमवार को अपने दो साल पूरे किए।
उन्होंने दो साल के कार्यकाल को नाकाम बताया।
सरकार के अपने घोषणापत्र के 72 प्रतिशत वादे पूरे करने के दावे पर कटाक्ष करते हुए जूली ने कहा कि यह जनता के भरोसे के साथ ’72 प्रतिशत धोखा’ है। उन्होंने सरकार के कई अधूरे वादों का जिक्र किया।
भाषा पृथ्वी नोमान
नोमान

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