राजस्थान: पेट्रोलियम सचिव ने समयबद्ध उत्खनन रणनीतियों पर जोर दिया
राजस्थान: पेट्रोलियम सचिव ने समयबद्ध उत्खनन रणनीतियों पर जोर दिया
जयपुर, 26 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन ने रविवार को यहां एक कार्यक्रम में देश की भावी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण हाइड्रोकार्बन खोजों की तात्कालिक आवश्यकता पर जोर दिया। जैन, यहां ‘सोसाइटी ऑफ पेट्रोलियम जियोफिजिसिस्ट्स’ (एसपीजी) के 15वें द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
जैन ने कहा कि भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए ‘नेशनल डीपवाटर मिशन’ के अनुरूप साहसिक, समयबद्ध उत्खनन रणनीतियों को अपनाना चाहिए।
जैन ने कहा, “एक दिन, हम ऐसी स्थिति का सामना करेंगे जब ऊर्जा के वैकल्पिक रूप बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए जीवाश्म ईंधन की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण होंगे।”
पैट्रोलियम सचिव ने जोर देकर कहा कि त्वरित उत्खनन प्रयासों के माध्यम से प्रमुख खोजों को सुरक्षित करने पर तत्काल ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। ओएनजीसी के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई)-चालित व्याख्या भविष्य की खोजों के लिए महत्वपूर्ण होंगी।
इस सम्मेलन में भूविज्ञान समुदाय के पेशेवरों ने भाग लिया और इसमें ‘सोसाइटी ऑफ एक्सप्लोरेशन जियोफिजिसिस्ट्स’ (अमेरिका), ‘यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ जियोसाइंटिस्ट्स एंड इंजीनियर्स’ (नीदरलैंड) और ‘ऑस्ट्रेलियन सोसाइटी ऑफ एक्सप्लोरेशन जियोफिजिसिस्ट्स’ सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी रही। ऑयल इंडिया के अध्यक्ष डॉ. रंजीत रथ ने ‘ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी’ (ओएएलपी) और ‘हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एंड लाइसेंसिंग पॉलिसी’ (एचईएलपी) जैसे प्रगतिशील सुधारों का हवाला देते हुए भारत को ‘उत्खनन के लिए सबसे आशाजनक स्थलों में से एक’ बताया।
भाषा पृथ्वी जितेंद्र
जितेंद्र

Facebook



