राजस्थान: टिकट से वंचित कांग्रेस और भाजपा के असंतुष्ट नेताओं का विरोध नहीं थम रहा |

राजस्थान: टिकट से वंचित कांग्रेस और भाजपा के असंतुष्ट नेताओं का विरोध नहीं थम रहा

राजस्थान: टिकट से वंचित कांग्रेस और भाजपा के असंतुष्ट नेताओं का विरोध नहीं थम रहा

:   Modified Date:  October 23, 2023 / 09:21 PM IST, Published Date : October 23, 2023/9:21 pm IST

जयपुर, 23 अक्टूबर (भाषा) राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में विधानसभा चुनाव के टिकट से वंचित असंतुष्ट नेताओं और उनके समर्थकों का विरोध सोमवार को भी जारी रहा।

राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे, जबकि मतगणना तीन दिसंबर को होगी।

राजसमंद जिले की कुंभलगढ़ सीट से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह राठौड़ के खिलाफ सोमवार को स्थानीय नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। टिकट के दावेदारों ने पार्टी आलाकमान को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे।

पूर्व जिला परिषद सदस्य नाथूलाल गुर्जर ने कहा, ‘‘पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। जिन लोगों ने निर्णय लिया, उन्होंने जमीनी सर्वेक्षण भी नहीं किया और टिकट दे दिया।’’

राजसमंद के सरदारगढ़ के सरपंच प्रवीण मेवाड़ा ने कहा, ‘‘किसी बाहरी व्यक्ति को टिकट देना बेहतर होता, लेकिन सुरेंद्र सिंह को टिकट नहीं दिया जाना चाहिए था। लोग उनसे खुश नहीं हैं। हम कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा कर रहे हैं और भविष्य में कदम उठायेंगे।’’

श्रीगंगानगर में भाजपा द्वारा जयदीप बिहानी को टिकट दिए जाने के बाद स्थानीय नेता विनीता आहूजा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की।

आहूजा के समर्थकों ने एक संवाददाता सम्मेलन में उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपना नेता घोषित किया।

श्रीगंगानगर के स्थानीय नेता वीरेंद्र राजपाल ने कहा, ‘‘समुदाय ने अपने उम्मीदवार को निर्दलीय के रूप में मैदान में उतारने का फैसला किया है और विनीता आहूजा का नाम सर्वसम्मति से तय किया गया है।’’

आहूजा ने 2018 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन वो हार गई थीं।

दौसा जिले में कांग्रेस नेताओं ने महुवा सीट से प्रत्याशी ओम प्रकाश हुड़ला की उम्मीदवारी का विरोध किया। 2018 के चुनाव में भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। 2023 के चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान गहलोत सरकार का समर्थन करने के लिए टिकट दिया है।

बीकानेर में कांग्रेस नेता राजकुमार किराडू ने बीकानेर पश्चिम सीट से मंत्री डॉ. बीडी कल्ला को टिकट देने के विरोध में सोमवार को विप्र बोर्ड (ब्राह्मण समाज संगठन) की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

उन्होंने कहा कि पार्टी ने डॉ. बीडी कल्ला को 10वीं बार टिकट दिया है।

किराडू ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस पार्टी के इस फैसले से नाराज हूं। मेरा गुस्सा पार्टी से है और जितना हो सकेगा मैं इस कांग्रेस पार्टी को बीकानेर में हराऊंगा।’’

उदयपुर में भाजपा से टिकट मांग रहे उपमहापौर पारस सिंघवी ने सोमवार को भी टाउन हॉल से रैली निकालकर पार्टी के प्रत्याशी ताराचंद जैन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। रैली में उनके समर्थकों ने ‘तारा मंजूर नहीं’ के नारे लगाए।

सिंघवी ने कहा, ‘‘मैं अभी भी पार्टी के साथ हूं और पार्टी के शीर्ष नेताओं से उदयपुर शहर के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता हूं।’’

बीकानेर पूर्व में नगर विकास न्यास के पूर्व चेयरमैन महावीर रांका ने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर भाजपा प्रत्याशी सिद्धि कुमारी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है।

राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं और अब तक भाजपा ने दो सूचियों में कुल 124 सीटों पर और कांग्रेस ने 76 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं।

भाषा कुंज खारी

खारी

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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